इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी से सांसद चुने गए पीएम मोदी के खिलाफ एक याचिका पर नोटिस जारी कर दिया है। यह याचिका पूर्व बीएसएफ जवान और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार तेज बहादुर द्वारा दायर की गई थी। जिनका नामांकन बाद में रद्द कर दिया गया था।
हाईकोर्ट ने पीएम नरेंद्र मोदी को यह नोटिस सेना के बर्खास्त जवान और वाराणसी सीट से समाजवादी पार्टी का टिकट पाने वाले तेज बहादुर यादव की चुनाव याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए दिया है। कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है।
तेज बहादुर की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेंद्र ने बहस करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता का कहना है कि वाराणसी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए उसने नामांकन पत्र दाखिल किया था। नामांकन पत्र में गलत जानकारी देने की बात कहकर उसे निरस्त कर दिया गया। उसे आपत्तियों पर जवाब दाखिल करने के लिए समय नहीं दिया गया। कानून के मुताबिक, उसे जवाब देने के लिए 24 घंटे का समय मिलना चाहिए, जो नहीं दिया गया।
चुनाव अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव में निर्णय लेने का आरोप
याचिका में चुनाव अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव में निर्णय लेने का आरोप लगाया गया है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया गया है।
याचिका में नए सिरे से चुनाव कराने की मांग
तेज बहादुर की इस अर्जी में वाराणसी सीट से पीएम मोदी के निर्वाचन को रद्द कर वहां नये सिरे से चुनाव कराए जाने की मांग की गई है। तेज बहादुर ने इसके लिए अपना नामांकन पत्र खारिज किये जाने को बड़ा आधार बनाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनका पर्चा पीएम मोदी के दबाव में खारिज किया गया है।
नामांकन पत्र में परिवार के ब्यौरे समेत कई कॉलम खाली छोड़े जाने को भी चुनौती
अर्जी में इसके साथ ही पीएम और बीजेपी उम्मीदवार रहे नरेंद्र मोदी के नामांकन पत्र में परिवार के ब्यौरे समेत कई कॉलम खाली छोड़े जाने को भी चुनौती दी गई है। तेज बहादुर यादव की इस अर्जी को जस्टिस एमके गुप्ता की बेंच ने शुक्रवार सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है।