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ड्राइवर सलीम ने बहादुरी और समझदारी से बचाई 50 श्रद्धालुओं की जान

आतंकियों ने बस पर फायरिंग शुरू की तो ड्राइवर ने बस की स्पीड बढ़ा दी और तेज गति से चलाते हुए बस को सुरक्षित जगह पर लाकर खड़ा किया।
ड्राइवर सलीम ने बहादुरी और समझदारी से बचाई 50 श्रद्धालुओं की जान

अमरनाथ यात्रियों की बस पर सोमवार रात अनंतनाग में आतंकवादियों ने हमला किया। हमले में 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 15 से ज्यादा तीर्थयात्री घायल हो गए। बताया जा रहा है अगर ड्राइवर सलीम समझदारी न दिखाता तो मरने वालो की तादाद और बढ़ सकती थी। सलीम की सूझबूझ से दूसरे यात्रियों की जान बच गई। जैसे ही आतंकियों ने बस पर फायरिंग शुरू की तो ड्राइवर ने बस की स्पीड बढ़ा दी तेज गति से चलाते हुए बस को सुरक्षित जगह पर लाकर खड़ा किया।

बस चालक सलीम के भाई जावेद मिर्जा ने मीडिया को बताया कि, सलीम ने उसे रात 9.30 बजे कॉल किया और गाड़ी पर फायरिंग की जानकारी दी। सलीम ने उसे बताया कि, जहां फायरिंग हो रही थी वहां उसने गाड़ी नहीं रोकी. श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित जगह मिलने पर ही गाड़ी रोकी। जावेद ने कहा कि उसका भाई 7 लोगों की जान नहीं बचा सका, लेकिन 50 लोगों को सुरक्षित जगह तक ले जाने में सफल रहा। उन्होंने कहा कि उन्हें उस पर गर्व है।

सोमवार को जिस वक्त बस पर हमला हुआ कई यात्री सो रहे थे. फायरिंग की आवाज से उनकी नींद खुली। तीर्थयात्रियों के मुताबिक पहले उन्हें लगा कि पटाखों की आवाज है। कुछ पलों बाद साफ हो गया कि आतंकवादियों ने उन पर हमला किया है।

उधर पुलिस का कहना है कि बस ड्राइवर नियमों को तोड़ते हुए श्रद्धालुओं को लेकर आगे बढ़ा। बस का अमरनाथ श्राइन बोर्ड से रजिस्ट्रेशन नहीं था। उसने अनिवार्य सुरक्षा नियमों का भी पालन नहीं किया। बस गुजरात की थी, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर GJ09Z9976 था। दो दिन पहले ही उसने यात्रा समाप्त की थी और श्रीनगर में ही रुका था।

 


 

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