देश और दुनिया में कोरोना का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। देश में इससे संक्रमित लोगों की संख्या 17 हजार पार कर चुकी है, वहीं मरने वालों की संख्या 500 के उपर जा चुकी है। कोरोना की जंग में डॉक्टरो, पुलिस, नर्सेस वगैरह का अहम योगदान है लेकिन मेडिकल स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार के मामले भी सामने आए हैं। कुछ ऐसा ही मामला चेन्नई में देखने को मिला। यहां कोरोना वायरस की चपेट में आने के कारण एक डॉक्टर की मौत हो गई। जब डॉक्टर के शव को लोग दफनाने पहुंचे तो कब्रिस्तान पर लोगों की भीड़ ने एंबुलेंस पर हमला बोल दिया। तमिलनाडु पुलिस ने हमला करने के आरोप में 20 लोगों को गिरफ्तार किया है। शहर में इस तरह की यह दूसरी घटना है।
55 वर्षीय डॉक्टर की रविवार रात चेन्नई के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई। सोमवार को डॉक्टर के शव को दफनाने के लिए मेडिकल टीम कब्रिस्तान पहुंची तो यहां आसपास के लोग जमा हो गए। उन्होंने शव को दफनाए जाने का विरोध करना शुरू किया और भीड़ ने एंबुलेस पर हमला बोल दिया। बाद में पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और डॉक्टर के शव को दफनाया गया।
पहले भी हुई इस तरह की घटना
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब किसी के शव को दफनाने को लेकर बवाल मचा है। कोविड-19 से कुछ दिन पहले नेल्लोर के एक डॉक्टर की एक निजी अस्पताल में मौत हो गई थी और जब उनके शव को श्मशान में ले जाया गया तो स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया। पुलिस शव को अस्पताल की मोर्चरी में वापस ले गई और सुबह के समय उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। कोविद -19 के कारण मारे गए डॉक्टरों के अंतिम संस्कार के लिए स्थानीय लोगों के विरोध से मेडिकल कम्युनिटी को धक्का लगा है। बता दें कि कई जगहों पर कोरोना की टेस्टिंग करने पहुंचे डॉक्टरों व पुलिस की टीम पर भी हमला किया जा चुका है। ऐसे मामले इंदौर, मुरादाबाद और बिहार में भी देखने को मिले हैं।
अब तक 559 लोग गंवा चुके हैं जान
covid19india.org के मुताबिक, देश में अब तक कोरोना वायरस के 17, 312 मामलों की पुष्टि हुई है, इनमें से 13,899 मरीजों का इलाज चल रहा है। 2,854 लोगों का इलाज हो चुका है और 559 की मौत हो चुकी है। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार रविवार (19 अप्रैल) दोपहर तक कुल 15,712 लोग संक्रमित हो गए थे। कोरोना वायरस के चलते शनिवार से 24 घंटों के दौरान 1,334 और लोग बीमार हो गए। कोविड-19 के चलते मरने वालों की संख्या 507 हो गई। पिछले 24 घंटों में 27 लोगों ने दम तोड़ दिया। 2,231 लोग संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। इस तरह 14.19 फीसदी लोगों का इलाज हो गया।