संसद के दोनों सदनों में मणिपुर पर गतिरोध जारी है। विपक्ष अड़ा हुआ है कि सदन के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर हिंसा पर बयान दें तो सरकार कह रही है कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं, विपक्ष भाग रहा है। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को संसद में मणिपुर की स्थिति पर चर्चा को लेकर विपक्षी नेता अधीर रंजन चौधरी और मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखा है।
विपक्ष सदन में चर्चा के लिए विषय शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मणिपुर पर बयान की मांग कर रहा है। एचएम शाह ने एक ट्वीट में कहा, "आज, मैंने दोनों सदनों के विपक्षी नेताओं, लोकसभा के श्री @addirrcinc जी और राज्यसभा के श्री @खड़गे जी को पत्र लिखकर मणिपुर मुद्दे पर चर्चा में उनके अमूल्य सहयोग की अपील की।"
गृहगमंत्री अमित शाह ने कहा, ''मणिपुर पर लंबी चर्चा करने के लिए सरकार को कोई डर नहीं है। जनता आपको देख रही है, चुनाव में जाना है। जनता के खौफ को ध्यान में रखें। संवेदनशील मुद्दे के लिए सदन में उचित माहौल बनाए।''
उन्होंने कहा, “सरकार मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और पार्टी लाइनों से ऊपर उठकर सभी दलों से सहयोग चाहती है। मुझे उम्मीद है कि सभी दल इस महत्वपूर्ण मुद्दे को सुलझाने में सहयोग करेंगे।''
आप नेता संजय सिंह के निलंबन को लेकर विपक्षी दलों ने कल रात भर विरोध प्रदर्शन किया। हाथों में तख्तियां लिए हुए थे जिन पर लिखा था, "मणिपुर के लिए I.N.D.I.A"। बीते दिन यानी सोमवार को राज्यसभा स्पीकर और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आप सांसद संजय सिंह को पूरे सत्र के लिए स्थगित कर दिया था। भारी हंगामे के चलते मंगलवार को भी संसद में मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा नहीं हो सकी। यह मानसून सत्र का चौथा दिन था, जो कि बिना किसी चर्चा के ही खत्म हो गया।