नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को छह माह से ज्यादा समय हो गया लेकिन गतिरोध खत्म होता नजर नहीं आ रहा। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर साफ कर चुके हैं कि नए कृषि कानून वापस नहीं होंगे। कृषि मंत्री के इस बयान के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों से आंदोलन तेज करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि अगर सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है तो राज्यपाल और राष्ट्रपति बड़े होते हैं। हम राज्यपाल के माध्यम से अपनी बात कहेंगे।
टिकैत ने कहा कि 26 जून को किसान आंदोलन के कुछ प्रतिनिधि हर राज्य में राज्यपाल या उपराज्यपाल के पास जाएंगे। उन्हें अपनी मांगों की जानकारी देते हुए ज्ञापन देंगे और उनसे मिलेंगे। चूंकि कोरोना महामारी का समय है इसलिए हर राज्य में केवल पांच-छह लोग ही राज्यपाल या उपराज्यपाल के पास जाएंगे।
किसान नेताओं और सरकार के बीच करीब 10 दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। किसान कानून वापस लेने की मांग पर अड़े रहे थे जबकि सरकार संशोधन को तैयार थी, कानून वापस लेने को नहीं।. अंतिम बातचीत 26 जनवरी को दिल्ली में हुई ट्रैक्टर परेड से पहले हुई थी।गणतंत्र दिवस के दिन किसानो की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद बातचीत नहीं हो पाई तब से ही गतिरोध बना है।