इन दिनों पूर्वोत्तर का राज्य मणिपुर हिंसा की आग में झुलस रहा है। इसे लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मदद का हाथ बढ़ाया और शुक्रवार को कछार जिला प्रशासन को मणिपुर हिंसा प्रभावित परिवारों की देखभाल करने का निर्देश दिया है। दरअसल, कई परिवारों ने हिंसा से प्रभावित होने के बाद राज्य में शरण लिया है।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट किया, "मणिपुर में हाल की घटनाओं से प्रभावित कई परिवारों ने असम में शरण मांगी है। मैंने कछार के जिला प्रशासन से इन परिवारों की देखभाल करने का अनुरोध किया है।"
सरमा ने कहा कि वह मणिपुर के अपने समकक्ष एन बीरेन सिंह के लगातार संपर्क में हैं और हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है। सीएम सरमा ने माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट में कहा, "मैं एचसीएम एन बीरेन सिंह के साथ भी लगातार संपर्क में हूं और संकट की इस घड़ी में असम सरकार को पूरा समर्थन देने का वादा किया है।"
Several families affected by the recent incidents in Manipur have sought refuge in Assam. I have requested the District Administration of #Cachar to take care of these families.I am also in constant communication with the HCM @NBirenSingh and have pledged the full support of the…
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) May 5, 2023
मणिपुर में बुधवार से ही आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच झड़पों के बीच काफी हिंसा देखी गई है, जिसके कारण 9,000 से अधिक लोगों को विस्थापित होना पड़ा है। इसी बीच, स्थिति को और खराब करने के लिए कुछ आपराधिक तत्व लगातार फेक वीडियो और मैसेज शेयर कर रहे है, जिसके कारण हिंसा पहले से भी ज्यादा बढ़ चुकी है। सुरक्षा स्थिति को लेकर कई फेक वीडियो प्रसारित होने के बाद भारतीय सेना ने लोगों को आगाह किया है। साथ ही, सीएम ने भी लोगों से आग्रह किया है कि वे किसी प्रकार के झूठे और भ्रामक वीडियो और मैसेज पर विश्वास न करें।
अनुसूचित जनजाति (एसटी) की स्थिति के लिए मेइती समुदाय की मांग के विरोध में आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किए जाने के बाद प्रतिशोध में प्रतिद्वंद्वी समुदायों द्वारा किए जा रहे जवाबी हमलों के साथ बुधवार को झड़प शुरू हो गईं, जो रात भर काफी तेज हो गईं। हर तरह से आगजनी और तोड़फोड़ की खबरें सामने आने लगी थी। स्थिति को देखते हुए सरकार ने कई जगहों पर सेना की बड़ी टुकड़ी को तैनात किया है।