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आर्यन खान प्रकरण: नायक नहीं खलनायक !

फिल्मी सितारों से जुड़ी वास्तविक घटनाएं भी फिल्मी अंदाज में ही घटती हैं। अभिनेता शाहरुख खान के बेटे...
आर्यन खान प्रकरण: नायक नहीं खलनायक !

फिल्मी सितारों से जुड़ी वास्तविक घटनाएं भी फिल्मी अंदाज में ही घटती हैं। अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन को गिरफ्तार करने वाले नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल डायरेक्टर रहे समीर वानखेड़े पर अब गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। डेढ़ साल पहले शुरू हुई इस कहानी के नायक वानखेड़े एंटीक्लाइमैक्स में खलनायक बन चुके हैं। सीबीआइ के मुताबिक उन्होंने शाहरुख के बेटे को प्रतिबंधित मादक पदार्थ की जब्ती वाले प्रकरण से निकालने के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की थी। सीबीआइ ने वानखेड़े और चार अन्य- जिसमें एनसीबी के तत्कालीन अधीक्षक विश्व विजय सिंह, खुफिया अधिकारी आशीष रंजन, के. पी. गोसावी और सांविल डिसूजा शामिल हैं- के खिलाफ रिश्वत मांगने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है।

 

वानखेड़े का पिछले साल मई में चेन्नई स्थित करदाता सेवा महानिदेशालय में तबादला कर दिया गया था। इससे पहले उन्होंने राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के साथ भी काम किया है। 2020 में समीर वानखेड़े को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में मुंबई जोन के डायरेक्टर की कमान दी गई थी। वानखेड़े के हाथों मुंबई एनसीबी प्रमुख रहने के दौरान कई हाइ प्रोफाइल केस आते रहे हैं। दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत से लेकर शाहरुख खान के बेटे आर्यन तक बॉलीवुड की कई हस्तियों के मामले वानखेड़े के कार्यकाल के दौरान सामने आए। उन पर ये आरोप लगाए जाते रहे हैं कि वे पब्लिसिटी पाने के लिए बॉलीवुड को निशाने पर लेते थे। वानखेड़े को केंद्रीय गृह मंत्रालय से उत्कृष्ट जांच के लिए पुरस्कार भी मिल चुका है।

 

मौजूदा ड्रग्स केस की कहानी 2 अक्टूबर 2021 से शुरू होती है जब समीर वानखेड़े ने मुंबई में कॉर्डेलिया क्रूज पर चल रही एक रेव पार्टी में छापा मार कर आर्यन खान को गिरफ्तार किया था। आर्यन 26 दिनों तक मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद रहे। बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी। एनसीबी ने इस मामले में आरोपपत्र दायर कर आर्यन को क्लीन चिट दे दी थी। एनसीबी की ओर से गठित एक विशेष जांच दल (एसआइटी) ने दावा किया था कि वानखेड़े की जांच में चूक हुई है।

 

एसआइटी ने मामले की नए सिरे से जांच की। वानखेड़े और उनकी टीम पर छापेमारी की प्रक्रिया में अनियमितताएं बरतने का आरोप लगा। एनसीपी नेता नवाब मलिक के सिलसिलेवार आरोपों ने भी उनके लिए मुश्किलें खड़ी कीं। जब मामले में सीबीआइ की एंट्री हुई तब परत-दर-परत कई राज खुलने लगे। एसआइटी ने वानखेड़े की विदेश यात्राओं पर उनके कथित अनुचित जवाबों और ‘खर्चों’ पर गलत जानकारी को लेकर संदेह जताया था। इसके बाद सीबीआइ ने एनसीबी की शिकायत पर आइपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 388 (जबरन वसूली) के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिश्वत से संबंधित प्रावधानों के तहत वानखेड़े और अन्य के विरुद्ध मामला दर्ज किया।

 

वानखेड़े और अन्य के ऊपर आरोप है कि उन्होंने आर्यन खान को मादक पदार्थ के प्रकरण से बाहर निकालने के एवज में 25 करोड़ रुपये की मांग की थी और 50 लाख रुपये एडवांस में ही ले लिए थे। एफआइआर के मुताबिक शाहरुख के परिवार से 25 करोड़ रुपये वसूलने की साजिश गोसावी और उसके सहयोगी सनविले डिसूजा और अन्य ने रची थी। लेकिन बाद में ये लोग 18 करोड़ रुपये में राजी हो गए थे। इसमें से पचास लाख रुपये गोसावी और उसके सहयोगी सनविले ने पहले ही ले लिए, लेकिन बाद में इसका कुछ हिस्सा लौटा दिया।

 

क्रूज पर छापेमारी के दौरान आर्यन के साथ गोसावी की सेल्फी काफी चर्चा में आई थी। एफआइआर में कहा गया कि गोसावी ने खुद आगे बढ़कर आर्यन के साथ सेल्फी ली और उसके वॉयस नोट रिकॉर्ड किए। ऐसी स्थितियां पैदा की गईं कि गवाह गोसावी आरोपियों के साथ वहां मौजूद रहे। यहां तक कि छापेमारी के बाद उन्हें एनसीबी दफ्तर तक आने दिया गया, जो कि नियमों के विरुद्ध है।

 

एसआइटी ने पिछले साल केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (सीएटी) को सौंपी अपनी रिपोर्ट में 2008 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आइआरएस) के अधिकारी समीर वानखेड़े और उनकी टीम के खिलाफ मुख्य रूप से दो मामलों में अनियमितताएं पाईं हैं। इनमें केंद्रीय सिविल सेवा (सीसीएस) के नियमों का उल्लंघन और क्रूज में मादक पदार्थों के पाए जाने के सिलसिले में छापेमारी की प्रक्रिया में कथित अनियमितताएं शामिल हैं। वानखेड़े की विदेश यात्राएं, कीमती घड़ियां और कई भारी-भरकम खर्चे भी सीबीआइ की जांच के दायरे में हैं।

 

एसआइटी ने अपनी जांच में कहा था, “उन्होंने अपनी विदेश यात्रा के स्रोत के बारे में भी स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। ऐसा पाया गया कि वानखेड़े विभाग (वर्तमान तथा मूल) को सूचित किए बिना विराल जमालुद्दीन राजन नामक व्यक्ति के साथ महंगी घडि़यों की बिक्री और खरीद में लिप्त थे। 2017 से 2021 के दौरान पांच साल में समीर वानखेड़े ने ब्रिटेन, आयरलैंड, पुर्तगाल, दक्षिण अफ्रीका और मालदीव में परिवार के साथ छह निजी विदेश यात्राएं कीं। वानखेड़े ने 55 दिन के विदेश प्रवास पर केवल 8.75 लाख रुपये खर्च होने की घोषणा की जबकि यह राशि हवाई यात्रा पर हुए खर्च के लगभग बराबर है।”

 

एसआइटी के अनुसार वानखेड़े और राजन क्रेडिट आधार/नकद भुगतान (समीर के परिवार के लिए लगभग 7.5 लाख रुपये) पर जुलाई 2021 में अपने परिवार और घरेलू सहायिका के साथ ताज एक्जॉटिका मालदीव होटल में रुके थे। वानखेड़े और उनके दोस्त ने 18 दिसंबर 2021 को विराल के क्रेडिट कार्ड से होटल को भुगतान किया। वानखेड़े ने 22.05 लाख रुपये कीमत वाली रॉलेक्स की एक घड़ी राजन से केवल 17.40 लाख रुपये में खरीदी।

वानखेड़े ने अपने ऊपर लगे इन आरोपों का खंडन किया है और सीबीआइ की प्राथमिकी को रद्द करने के लिए सीएटी और बंबई हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वानखेड़े का कहना है कि एसआइटी प्रमुख और एनसीबी के उपमहानिदेशक (डीडीजी) ज्ञानेश्वर सिंह एक न्यायाधीश की तरह आचरण कर रहे थे क्योंकि वह मामले के दौरान उनके रिपोर्टिंग बॉस थे। उनका कहना है कि आर्यन ड्रग्स केस की पूरी जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को उन्होंने दी थी। उन्होंने चैट्स की कुछ कॉपी भी मुहैया कराई है। इन चैट्स में वे अपने अधिकारियों के साथ आर्यन केस के बारे में बातचीत कर रहे हैं।

 

वानखेड़े का कथित तौर पर शाहरुख खान के साथ हुआ चैट अब सामने आया है। ये चैट वानखेड़े ने हाइकोर्ट में दायर याचिका के साथ अटैच किया है। कथित चैट में खान अपने बेटे लिए मिन्नतें कर रहे हैं। बातचीत में यह बताने की कोशिश है कि आर्यन के साथ कोई गलत नहीं हुआ है। वानखेड़े ने याचिका में बताया है कि अपने वरिष्ठ के आदेश के मुताबिक ही उन्होंने केस पर काम किया था।

 

ज्ञानेश्वर सिंह ने सीआइटी को बताया था कि वानखेड़े के खिलाफ उनकी जांच में कोई ‘पक्षपात’ नहीं था क्योंकि यह जांच एनसीबी मुख्यालय द्वारा प्रभाकर सैल नाम के गवाह की ओर से दायर हलफनामे के आधार पर शुरू की गई थी। बाद में सैल की मृत्यु हो गई थी। दरअसल, इस मामले में गवाह के.पी. गोसावी के बॉडीगॉर्ड प्रभाकर ने दावा किया था कि उन्होंने गोसावी को शाहरुख खान से उसके बेटे को छोड़ने के एवज में 25 करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग करते हुए सुना था।

बहरहाल, आर्यन खान आज दोषमुक्त हैं और समीर वानखेड़े अब बचाव की मुद्रा में हैं। फिर भी अभी पूरा सच बाहर आना बाकी है। इस पूरे घटनाक्रम से न सिर्फ वानखेड़े सवालों के घेरे में हैं बल्कि एनसीबी से भी जवाबदेही की दरकार है।

 

 

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