गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद की एक चिट्ठी बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास भेजी जा रही है। अतीक अहमद के वकील विजय मिश्रा ने इस बात की पुष्टि की है।
वकील विजय मिश्रा ने बताया, ‘‘अतीक अहमद ने कहा था कि यदि उनके साथ कोई दुर्घटना होती है या उनकी हत्या होती है तो बंद लिफाफे में एक चिट्ठी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास जाएगी।’’ वकील ने बताया, ‘‘वह चिट्ठी न तो मेरे पास है और न ही मेरे द्वारा भेजी जा रही है।"
अतीक अहमद के वकील ने कहा कि वह चिट्ठी कहीं और रखी गई थी और किसी और व्यक्ति द्वारा भेजी जा रही है। इस चिट्ठी में क्या लिखा है, इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है।’’
ऐडवोकेट मिश्रा ने बताया अतीक अहमद ने कहा था कि यदि ऐसी कोई दुर्घटना होती है या उसकी जान चले जाए , तो उस सीलबंद लिफाफे में पत्र भारत के मुख्य न्यायाधीश और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजा जाना चाहिए। विजय मिश्र ने कहा कि 27 मार्च को जब अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज एमपीएमएलए कोर्ट लाया गया था। तभी अशरफ ने कहा था कि एक अफसर ने उसे धमकी दी है कि इस बार तो नहीं मार पाए, लेकिन पंद्रह दिन के भीतर जेल से लाकर तुझे मार देंगे। इसी के बाद अशरफ ने बरेली जेल से पत्र लिखा था।
अधिवक्ता विजय मिश्र ने बताया कि अशरफ ने दो बार कहा था कि बंद लिफाफा तैयार है। उसमें उस अफसर का नाम भी लिखा हुआ है। खुदा न खास्ता मेरी हत्या हुई तो लिफाफा सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, सीएम और अन्य अफसरों के पास पहुंचा दिया जाएगा। अधिवक्ता ने कहा कि साबरमती जेल से निकाले जाने के बाद अतीक अहमद भी लगातार बोल रहे थे कि न्यायालय के कंधे पर बंदूक रख उन्हें मार दिया जाएगा। ऐसे में यह लिफाफा बहुत अहम है। उनका कहना है कि एक से दो दिनों में लिफाफा सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस समेत अन्य तक पहुंच जाना चाहिए।
बता दें कि शनिवार की रात शाहगंज थानाक्षेत्र में मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय के भीतर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की तीन लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। यह हत्या उस समय की गई जब अतीक और अशरफ पुलिस हिरासत में मेडिकल जांच के लिए अस्पताल के भीतर दाखिल हो रहे थे।
बता दें कि इससे पहले अतीक की पत्नी शाइस्ता की भी एक चिट्ठी सामने आई थी, जो उसने उमेश पाल की हत्या के बाद 27 फरवरी को लिखी थी। इस चिट्ठी में शाइस्ता ने अपने पति अतीक और देवर अशरफ की हत्या की साज़िश की बात लिखी थी। शाइस्ता ने इस लेटर में लिखा था कि पुलिस रिमांड में हत्या की साज़िश रची गई है।