Advertisement

पतंजलि का टर्नओवर 10000 करोड़ पार हुआ, बाबा बोले विदेशी कंपनियों की बढ़ेगी बेचैनी

अगले एक दो साल में पतंजलि सबसे बड़ा स्वदेशी ब्रांड बन जाएगा। मौजूदा समय में पतंजलि की करीब 30 हजार करोड़ सालाना की उत्पादन क्षमता है और अगले साल यह क्षमता 60 हजार करोड़ तक पहुंच जाएगी। पिछले साल इसका टर्नओवर 10561 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
पतंजलि का टर्नओवर 10000 करोड़ पार हुआ, बाबा बोले विदेशी कंपनियों की बढ़ेगी बेचैनी

बाबा रामदेव ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेस में यह घोषणा करते हुए कहा कि जिस तरह से इसका टर्नओवर बढ़ रहा है उससे विदेशी कंपनियां जरूर बैचेन होंगी और उन्हें अनुलोम विलोम व कपाल भारती जैसे आसन का सहारा लेना पड़ेगा। हालाकि कंपनी की किसी से कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। कंपनी सौ फीसदी की गति से आगे बढ़ रही है। कंपनी ने नोएडा में चार सौ एकड़ जमीन ले ली है तथा इंदौर व नागपुर में भी प्लांट शुरू हो रहे हैं। इंदौर व आंध्रप्रदेश में भी प्लांट लेंगे। जम्मू कश्मीर में जमीन की कुछ कानूनी अड़चन है जो शीघ्र दूर हो जाएगी यानी पांच जगहों पर कंपनी के शीघ्र प्लांट जल्द शुरू हो जाएंगे।

बाबा रामदेव ने कहा कि मुस्लिमों को यह कहकर बहकाया जा रहा है कि पतंजलि के हर ब्रांड में गो मूत्र है जबकि यह गलत है। पतंजलि के केवल पांच उत्पादों में गो मूत्र है तथा इन उत्पादों के लेबल पर यह बात साफ तौर पर दर्शाई गई है। पतंजलि का उत्तराधिकारी भी कोई कारोबारी नहीं बल्कि तपस्वी व संन्यासी ही होगा। चीन के उत्पादों पर रोक लगाने के बारे में उन्होंने कहा कि चीन हमारा मित्र देश नहीं है और शत्रु देशों को उकसाता है। पाक के जरिए आतंकवादियों की फंडिंग करता है। यह देश की संप्रभुता से जुड़ा मसला है जिसके उत्पादों का बहिष्कार किया जाना चाहिए।

पतंजलि भविष्य में रेस्तरां व टैक्सटाइल्स के क्षेत्र में उतरने की योजना पर विचार कर रहा है। मौजूदा छह हजार डिस्ट्रीब्यूटर्स की संख्या में इजाफा करके 12 हजार करने का लक्ष्य है। इसके अलावा एनसीआर इलाके में शहीद सैनिकों के बच्चों की पढ़ाई के लिए एक हजार बच्चों की क्षमता का निशुल्क आवासीय सैनिक स्कूल खोल जाएगा। बाबा रामदेव ने कहा कि पतंजलि का सारा प्रॉफिट चैरिटी के लिए जाता है। हमारा मकसद स्वदेशी सेवा से अर्जित अर्थ को परमार्थ में लगाना है। हनी उत्पादों के जरिए मधुमक्खी किसानों की समस्या भी हल होगी क्योंकिं हनी में हमारी कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad