रिजर्व बैंक के प्रस्ताव के मुताबिक मोबाइल नंबर की तरह बैंक खाता नंबर भी एक बैंक से दूसरे बैंक में आसानी से पोर्ट किया जा सकेगा।आरबीआई का कहना है कि तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल के साथ ही आसानी से अकाउंट नंबर पोर्ट हो जाएगा। इससे खाता धारकों को काफी राहत मिलेगी।
ये होगा फायदा
बैंक अकाउंट पोर्टेबिलिटी शुरू होने के साथ सीधे-सीधे एक फायदा तो यह नजर आता है कि बैंकों पर दबाव पड़ेगा कि ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं दें। दूसरा फायदा ये हो सकता है कि ग्राहकों को एक से अधिक बैंक खाते रखने के झंझट से मुक्ति मिल सकती है।
बैंकों के लिए नहीं होगा आसान
एकाउंट पोर्टेबिलिटी की सुविधा एकदम से शुरू करना बैंकों के लिए आसान नहीं होगा। क्योंकि इसके लिए बैंक को पहले अपने सभी ऑपरेशन ऑनलाइन करने पड़ेंगे।
उधर आगर आबीआई का प्रस्ताव स्वीकार हो जाता है तो बैंक अकाउंट नंबर पोर्टेबिलिटी को नोटबंदी के बाद बड़ा कदम माना जा रहा है। क्योंकि इससे बड़े पैमाने पर बैंकों के ग्राहक प्रभावित होंगे।