आरटीआई एक्टिविस्ट रोहित चौधरी ने इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च (आइसीएचआर) में एक आरटीआई दाखिल की थी। आरटीआई स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बारे में थी। इस आरटीआई से पता चला कि तीनों को भारत सरकार ने अभी तक शहीद का दर्जा नहीं दिया है।
यही नहीं बल्कि आरटीआई में यह भी पता चला कि आइसीएचआर ने एक पुस्तक प्रकाशित की थी जिसमें लिखा है कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु कट्टर युवा आतंकी थे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन आने वाले आईसीएचआर के इस गड़बड़झाले की खबर अंग्रेजी की एक वेबसाइट टाइम्स नाउ में प्रकाशित की गई थी।
आरटीआई में यह भी पता चला कि पिछली तीनों सरकारों ने इन युवा क्रांतिकारियों को नजरअंदाज किया है। इससे पहले भी भगत सिंह के नाम पर कई बार विवाद होते रहे हैं। पिछले साल दिल्ली विश्वविद्यालय में भी इस बात को लेकर बवाल हो चुका है। इतिहास के पाठ्यक्रम में भगत सिंह को क्रांतिकारी आतंकी लिखा गया था। इसके बाद भारत का स्वतंत्रता संघर्ष नाम की इस किताब की बिक्री पर रोक लगा दी गई थी। इस किताब को बिपिन चंद्र, मृदुला मुखर्जी, आदित्य मुखर्जी, सुचेता महाजन और के. एन. पणिक्कर ने मिल कर लिखा था।