आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के जजों के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के लिए सीबीआई ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। और इस मामले में एक सांसद और एक पूर्व विधायक से भी पूछताछ की गई है। जल्द ही मामले में सीबीआई कुछ और लोगों की भी गिरफ्तारियां कर सकती है। वहीं, एजेंसी द्वारा की गई यह कार्रवाई जांच एजेंसीज को लेकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की कड़ी टिप्पणी का असर माना जा रहा है।
सीबीआई प्रवक्ता के मुताबिक, सीबीआई ने इस मामले में 11 नवंबर 2020 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश के बाद विभिन्न अपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इससे पहले राज्य पुलिस ने मामले में 16 आरोपियों के खिलाफ 12 एफआईआर दर्ज की थी। आरोप था कि आंध्र प्रदेश न्यायपालिका की तरफ से कुछ मामलों में दिए गए आदेश के बाद उन पर आपत्तिजनक कमेंट सोशल मीडिया पर दिए गए थे। इससे न्यायपालिका की छवि खराब हुई थी।
आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने मामले में सीबीआई को निर्देश दिए थे कि वह पूरी जांच करें और आरोपियों को गिरफ्तार करे। मामले में शुरुआती जांच के दौरान 16 आरोपियों में से 13 की पहचान कर 11 लोगों से पूछताछ की गई और अब तक इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया। 16 आरोपियों में तीन लोग अभी विदेश में हैं।
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ के दौरान वाईएसआर कांग्रेस के एक सांसद नंदीगम सुरेश से पूछताछ की गई। नंदीगम सुरेश 2019 में वाईएसआर कांग्रेस से बापतला आंध्र प्रदेश से सांसद चुने गए थे। साथ ही इस समय वे खाद्य और उपभोक्ता मामलों की स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य भी हैं। साथ ही वाईएसआर के एक पूर्व विधायक अमांची कृष्ण मोहन से भी पूछताछ की गई। गिरफ्तार लोगों में पी आदर्श, एल सांबा शिवा रेड्डी, धामू रेड्डी, पी सुधीर, राजशेखर रेड्डी शामिल हैं। इनमें राजशेखर रेड्डी हले कुवैत में काम करता था। मामले के तार विदेशों से भी जुड़े हुए हैं। लिहाजा इस मामले में इंटरपोल की भी मदद ली जा रही है। गिरफ्तार आरोपियों में से 3 को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। आरोपियों के ठिकानों पर मारे हुए छापों के दौरान अनेक आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद हुई है।