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सोनिया को ना कहने वाले नीतीश कुमार पीएम के लंच में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज लंच में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं। इससे पहले, सोनिया गांधी ने शुक्रवार को भोज का आयोजन किया था, जिसमें नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए थे। वहीं, आज पीएम के साथ लंच को लेकर नीतीश कुमार की सियासत गर्माती जा रही है।
सोनिया को ना कहने वाले नीतीश कुमार पीएम के लंच में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचे

दरअसल, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ भारत के तीन दिवसीय दौरे पर शुक्रवार सुबह नई दिल्ली पहुंच गए हैं। उनके सम्‍मान में पीएम मोदी ने शनिवार को भोज का आयोजन किया है। इसमें शामिल होने के लिए बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को भी निमंत्रण दिया गया है।

सोनिया के भोज में नहीं हुए शामिल

इससे पहले नई दिल्ली में शुक्रवार को राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी दलों की होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने भी नीतीश कुमार को निमंत्रण दिया था, लेकिन उन्‍होंने जाने से मना कर दिया था। इस भोज में लालू प्रसाद यादव और ममता बनर्जी समेत 17 नेता शामिल हुए थे। नीतीश कुमार की पार्टी की तरफ से शरद यादव और केसी. त्यागी इसमें शामिल हुए थे। बताया जाता है कि यह भोज राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार और विपक्षी एकजुटता बनाए रखने को लेकर था।

 इस घटना के बाद से महागठबंधन में दरार की बात सामने आने की बात कही जाने लगी थी। भाजपा ने कह दिया था कि नीतीश के न का क्या मतलब है, समझ लेना चाहिए। जदयू ने इस मामले पर कहा था कि यह राजनीति का विषय ही नहीं है। नीतीश कुमार सरकारी कार्यों में बहुत ज्यादा व्यस्त हैं।

नीतीश पर राजद का निशाना

वहीं, राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने तो यहां तक कह दिया था कि मुझे नीतीश कुमार के इस फैसले से कोई आश्चर्य नहीं दिखा। उनका ट्रैक रिकॉर्ड देखने से यह पता चलता है कि हम जिस स्टैंड पर खड़े होते हैं, उसका वह हमेशा विरोध करते हैं। ऐसे में सोनिया गांधी को 'ना' बोलने के बाद पीएम मोदी को 'हां' कहने से बिहार की राजनीति में एक बार फिर से बयानबाजी का दौर शुरू हो सकता है। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि महागठबंधन में दरार की बात सामने आ सकती है।

जद (यू) और भाजपा के बीच गठबंधन की अटकलों का बाजार गर्मता रहा है। हालांकि, नीतीश कुमार इसका बार-बार खंडन करते रहे हैं। जद (यू) ने भाजपा के साथ अपना 17 साल पुराना गठबंधन तब तोड़ लिया था जब भाजपा ने नरेंद्र मोदी को 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था।

नीतीश कुमार बिहार में जद (यू)-राजद-कांग्रेस महागठबंधन सरकार के नेता हैं। मुख्यमंत्री ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आरोपों पर चुप्पी साध रखी है। उन्होंने सिर्फ इतना कहा है कि उनकी जांच केंद्र सरकार को करानी है।  

 


 

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