सियासी अटकलों के बीच बिहार में आखिरकार नीतीश कुमार ने अपने कैबिनेट का विस्तार कर लिया। राजभवन में शुक्रवार शाम को राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर नीतीश कैबिनेट के नये मंत्रियों को शपथ दिलायी। मंत्रिमंडल विस्तार में जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) के 9 विधायकों के अलावा और भारतीय जनता पार्टी के 12 विधायकों को भी शामिल किया गया। मंत्रिमंडल में जातीय समीकरणों का पूरा ध्यान रखा गया है जिसमें 6 सवर्ण,6 दलित, 4 अति पिछड़ा,4 पिछड़ा,1 मुस्लिम शामिल हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा की मौजूदगी में सभी नए मंत्रियों ने शपथ ग्रहण किया। सबसे पहले मंत्री पद की शपथ रेणु देवी ने ली। उसके बाद मंगल पांडे, अशोक चौधरी, लेसी सिंह, मदन सहनी, नीतीश मिश्रा, नीतिन नवीण, दिलीप कुमार जायसवाल, महेश्वर हजारी, शीला मंडल, सुनील कुमार, जनक राम, हरि सहनी ने मंत्री पद की शपथ ली।
नीतीश मिश्रा ने मैथिली में शपथ ली, जबकि बाकी सदस्यों ने हिंदी में शपथ ली। नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने के करीब 40 दिनों के बाद कैबिनेट का विस्तार किया गया। कैबिनेट का विस्तार नहीं होने से एक एक मंत्रियों के जिम्मे 9-9 विभागों की जिम्मेदारी थी।
बता दें कि 28 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़कर इस्तीफा दे दिया था और उसी दिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इस दौरान उनके बीजेपी नेता सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। इसके अलावा, भाजपा भाजपा कोटे से एक और जनता दल यूनाईटेड के तीन और जीतनराम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के एक मंत्री और इकलौते निर्दलीय विधायक ने मंत्री पद की शपथ ली थी।