शुक्रवार को राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अरुण जेटली पर ट्वीट को लेकर बीजेपी के विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव पर सभापति विचार कर सकते हैं। गुरुवार को भाजपा सांसद भूपेंद्र यादव ने राज्यसभा में ये मामला उठाया और विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर सदन से संज्ञान लेने को कहा। साथ ही ये भी कहा कि अरुण जेटली को Jait-lie लिखकर राहुल ने उनका मजाक उड़ाया जो गरिमा के खिलाफ है।
जानिए क्या था ट्वीट
गुजरात चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पाकिस्तानी दखल वाले बयान को लेकर बुधवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सफाई दी थी। उसके बाद संसद का गतिरोध खत्म हो गया था। अगले दिन राहुल गांधी ने तंज लहजे में ट्वीट किया, ‘प्रिय जेटली जी, यह याद दिलाने के लिए आपका धन्यवाद कि हमारे प्रधानमंत्री जो कहते हैं उसका कभी वह मतलब नहीं होता या जो मतलब होता है वे वह कभी कहते नहीं हैं।’
Dear Mr Jaitlie - thank you for reminding India that our PM never means what he says or says what he means. #BJPLies pic.twitter.com/I7n1f07GaX
— Office of RG (@OfficeOfRG) December 27, 2017
इसी ट्वीट में अरुण जेटली के नाम की स्पेलिंग गलत लिखी गई थी, जिस पर भाजपा नेता ने आपत्ति दर्ज की। भूपेंद्र यादव ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने जानबूझकर, दुर्भावनापूर्ण और असभ्य तरीके से वित्त मंत्री का नाम गलत लिखा।
यादव ने कहा कि संसद सदस्यों की एक गरिमा है, जिसे राहुल गांधी ने धूमिल करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह राहुल गांधी ने अरुण जेटली के नाम का मजाक उड़ाया वह विशेषाधिकार हनन के तहत आता है। यादव ने वर्ष 1954 के एनसी चटर्जी मामले का हवाला देते हुए इसे वैसा ही बताया। उन्होंने राहुल को नोटिस भेजने की मांग की।
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि विशेषाधिकार हनन नोटिस उनके पास है, जिस पर वह फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि सदन के नेता व प्रतिपक्ष के नेता के बीच एक समझौता हुआ था और सभी लोगों ने उसका समर्थन किया था। सभी सदस्यों को नसीहत देते हुए कहा कि सदन के बाहर कोई इस पर टिप्पणी न करे। यह सदन और व्यवस्था के लिए उचित नहीं है। यह एक गंभीर विषय है। इसमें प्रधानमंत्री के बारे में भी टिप्पणी की गई है। नोटिस पर वह उचित फैसला लेंगे।