भाजपा सांसद महेश गिरि ने मुगल बादशाह औरंगजेब को ‘‘आतंकवादी’’ बताते हुए उनके बड़े भाई दारा शिकोह को एक विद्वान बताया, जिन्होंने समन्वित मूल्यों का समर्थन किया था।
पीटीआई के मुताबिक, पूर्वी दिल्ली के सांसद ने दारा की जिंदगी के बारे में जागरूकता फैलाने की भी पैरवी की।
गिरी यहां आईजीएनसीए में ‘औरंगजेब और दारा शिकोह: अ टेल ऑफ टू ब्रदर्स’ पर सम्मेलन तथा ‘दारा शिकोह, द फोरगॉटन प्रिंस ऑफ इस्लाम’ नामक प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह के इतर संवाददाताओं से बात कर रहे थे।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आजकल की भाषा में औरंगजेब आतंकवादी था। उसे जो सजा मिलनी चाहिए थी वो नहीं मिली, लेकिन कम से कम उसके नाम पर रखा गया सड़क का नाम तो बदला गया है।’’
लुटियन दिल्ली में औरंगजेब के नाम पर एक सड़क का नाम था जिसे 2015 में बदलकर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा गया था। गिरि ने ही पूर्व राष्ट्रपति के नाम पर सड़क का नाम रखने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा था।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गिरि ने कहा, ‘‘मैं जब भी क्रूर शासक के नाम वाला साइन बोर्ड देखता था तो मुझे तकलीफ होती थी। मुझे लगता था कि यह भारत के विचार के खिलाफ है और देश के हित में नहीं है। इसलिए मैं इसके (नाम बदलने के) पीछे लगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे बाधाओं का सामना करना पड़ा और लोगों से धमकियां मिलीं, लेकिन फिर भी आगे बढ़ा।’’
लोकसभा सांसद ने मुगल बादशाह के भाई दारा शिकोह की विशेषताओं को सराहा और कहा कि औरंगजेब की कहानी बताते हुए दारा शिकोह के दौर और मूल्यों को पढ़ाना चाहिए।
दारा मुगल बादशाह शाहजहां के बड़े बेटे थे और उनके उत्तराधिकारी थे जिनका 1659 में कत्ल करा दिया गया था।