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दिल्ली वायु प्रदूषण: 'आप' ने रखा अपना पक्ष, भाजपा ने सरकार पर फोड़ा 'ख़राब हालत' का ठीकरा

एक तरफ दिल्ली की हालत वायु प्रदूषण के कारण अपने बेहद गंभीर स्तर पर पहुंची हुई है। वहीं, अब इसे लेकर...
दिल्ली वायु प्रदूषण: 'आप' ने रखा अपना पक्ष, भाजपा ने सरकार पर फोड़ा 'ख़राब हालत' का ठीकरा

एक तरफ दिल्ली की हालत वायु प्रदूषण के कारण अपने बेहद गंभीर स्तर पर पहुंची हुई है। वहीं, अब इसे लेकर राजनीतिक दलों में तनातनी भी शुरू हो गई है। आप सरकार के पर्यावरण मंत्री का कहना है कि प्रदूषण का मामला अकेले का नहीं है तो वहीं भाजपा कह रही है कि केजरीवाल ने इतने सालों में कुछ भी नहीं लिया है।

दिल्ली में वायु प्रदूषण पर भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमकर आलोचना की और कहा, "अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली एक गैस चैंबर बन गई है। उन्होंने सुनिश्चित किया है कि एक्यूआई का स्तर पिछले चार से पांच वर्षों में अपने उच्चतम स्तर पर रहे। उन्होंने कुछ नहीं किया है।" 

पूनावाला ने आगे कहा, "प्रदूषण से निपटने के लिए वह पंजाब में पराली जलाने को जिम्मेदार मानते थे। अब पंजाब में आपकी सरकार है। लेकिन पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ गई है। उनकी सरकार केंद्र, उत्तर प्रदेश और हरियाणा को दोषी ठहराएगी। आज दिल्ली के लोग अगर इस हवा में सांस लेते हैं तो यह खतरनाक है।"

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने जानकारी देते हुए कहा, ''सबसे पहले तो ये सोचना ग़लत है कि दिल्ली सरकार प्रदूषण पर पूरी तरह से नियंत्रण कर सकती है क्योंकि प्रदूषण का मामला अकेले दिल्ली का नहीं है। यहां दिल्ली के बाहर के स्रोत अंदर के स्रोतों की तुलना में दोगुना प्रदूषण फैलाते हैं। इसलिए दिल्ली सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है। यह सीएम अरविंद केजरीवाल के प्रयासों का नतीजा है कि केंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में 200 दिनों से अधिक अच्छी वायु गुणवत्ता रही। लेकिन कार्य रहता है। 1 नवंबर के बाद 10-15 दिनों में मौसम में बदलाव होता है। हम स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अधिक ध्यान केंद्रित करेंगे।"

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने कहा, ''हम लगातार नीतियों पर काम कर रहे हैं। पिछले साल 13-14 हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए थे जहां लगातार प्रदूषण बढ़ रहा था। अब इनकी संख्या 4 से 5 है। पूरे उत्तर में भारत में AQI की ऐसी है स्थिति। अगले 15 दिन दिल्ली के लिए बेहद नाजुक, हवा की रफ्तार कम और तापमान गिर रहा है। इसे देखते हुए GRAP 3 नियम लागू है। हमने आज दोपहर 12 बजे सभी संबंधित विभागों की बैठक बुलाई है। हम देख रहे हैं कि नियम और नीतियां तो बन और निर्देशित हो रही हैं, लेकिन उनका क्रियान्वयन सख्त नहीं है। यह एक चुनौती है।"

गोपाल राय ने कहा, "हम (ऑड-ईवन के लिए) देरी नहीं कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को निर्णय लेने का अधिकार दिया है। उनके निर्देश के अनुसार, हम अपने कदम आगे बढ़ा रहे हैं। अगर स्थिति बहुत गंभीर हुई तो हम सभी से चर्चा के बाद आगे का फैसला लेंगे।"

बता दें कि दिल्ली के सिग्नेचर ब्रिज से नवीनतम एएनआई ड्रोन कैमरा फुटेज में शहर धुंध की मोटी चादर में डूबा हुआ दिखाई दे रहा है। सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता आज 'गंभीर' श्रेणी में है।

राजधानी दिल्ली- एनसीआर के हालात दिन प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं। राजधानी दिल्ली की आबो-हवा जहरीली हो गई है। प्रदेश के लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। राजधानी में आसमान धुएं की एक मोटी परत से छिप गया और प्रदूषण का स्तर इस मौसम में पहली बार 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया।

वैज्ञानिकों ने अगले दो सप्ताह के दौरान दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण का स्तर बढ़ने की चेतावनी जारी की है। वहीं, चिकित्सकों ने सांस संबंधी समस्याओं के बढ़ने की चेतावनी जारी की।

गुरुवार को राजधानी की वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के 392 यानी 'बेहद खराब' श्रेणी में रहा और यहां दिनभर धुंध छाई रही। वहीं शुक्रवार को भी दिल्ली की हवा 'बेहद खराब' श्रेणी में है। वहीं, शुक्रवार को ओवर ऑल दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 346 दर्ज किया गया। सफर एप के मुताबिक लगातार छठवें दिन दिल्ली की हवा बेहद खराब स्थिति में है।

राजधानी दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए पानी का छिड़काव किया जा रहा है। आज दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई 400 के पार पहुंच गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। लोधी रोड इलाके में एक्यूआई 438, जहांगीरपुरी में 491, आरके पुरम इलाके में 486 और आईजीआई एयरपोर्ट (टी 3) के आसपास 473 है।

वहीं, राजधानी की वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब रहने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कहा है कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में गिरावट के मनोवैज्ञानिक पहलू की जांच करने की जरूरत है और केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय सहित विभिन्न सरकारी अधिकारियों और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक से जवाब मांगा है।

बता दें कि एक्यूआई शून्य से 50 के बीच 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है।

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