Advertisement

नोटबंदी से किताबों की बिक्री घटी, प्रभावित हो सकता है विश्व पुस्तक मेला

नोटबंदी के एक महीने बीतने के बाद भी कोलकाता के प्रकाशन उद्योग केन्द्र कॉलेज स्ट्रीट के प्रकाशकों का कहना है कि हाल के वर्षों में इस अवधि में होने वाली किताबों की बिक्री इस साल घटकर उसके दसवें हिस्से पर पहुंच गई है।
नोटबंदी से किताबों की बिक्री घटी, प्रभावित हो सकता है विश्व पुस्तक मेला

कोलकाता के प्रकाशक और पुस्तक विक्रेता संघ के सचिव त्रिदेब चटर्जी ने कहा, अचानक 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद कर दिए जाने के बाद कॉलेज स्ट्रीट में नकदी लेनदेन, हाल के वर्षों में इसी अवधि के दौरान हुए खरीद-फरोख्त की तुलना में घटकर उसका दसवां हिस्सा रह गया है।

चटर्जी ने कहा कि वह यह बात अपने प्रकाशन पत्र भारती से और इस क्षेत्र में मौजूद किताबों की अन्य दुकानों तथा प्रकाशकों से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर कह रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सर्दियों में सामान्यत: बिक्री ज्यादा होती थी लेकिन कॉलेज स्ट्रीट मार्केट में पिछले एक महीने में गिरावट देखी जा रही है।

जब चटर्जी से पूछा गया कि क्या अंतरराष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेले में भी यही स्थिति रहेगी,  तो उनका कहना था कि वह नहीं जानते कि तब तक नकदी का प्रवाह अच्छा होगा या नहीं।

  उन्होंने कहा,  लेकिन हम पुस्तक मेले में हिस्सा लेने वाले सभी प्रतिभागियों से कार्ड स्वाइप मशीनें स्टाल पर लगाने को कह रहे हैं।

   दूसरी तरफ दिल्ली के बैंकों और एटीएम के सामने लंबी कतारों, नकदीविहीन बैंक व एटीएम से निराश लौटने वाले पुस्तक प्रेमियों, छोटे प्रकाशकों में इस बात की चिंता है कि हालात ऐसे ही रहे तो नए वर्ष में यहां प्रगति मैदान में 7 से 16 जनवी, 2017 के बीच लगने वाले विश्व पुस्तक मेला में बिना स्वाइप मशीन के स्टालों पर नोटबंदी से मंदी का असर दिख सकता है।

 भाषा

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad