केजरीवाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी की राष्ट्रीय राजधानी में महत्वपूर्ण ढांचागत विकास के लिए कुछ वित्तीय सहायता दी जाएगी लेकिन बजट में कुछ नहीं मिला।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को पेश हुए बजट पर ट्विटर के जरिए निराशा जाहिर करते हए कहा कि केंद्र दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार जारी रखे हुए है। उन्हें उम्मीद थी की राष्ट्रीय राजधानी में महत्वपूर्ण ढांचागत विकास के लिए कुछ वित्तीय सहायता दी जाएगी।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी केंद्रीय करों और शुल्कों में दिल्ली की हिस्सेदारी नहीं बढ़ाने पर नाखुशी जताई है। उन्होंने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार दिल्ली के लोगों को दोयम दर्जे का नागरिक समझती है। दिल्ली पुलिस के लिए किसी योजना की घोषणा नहीं की गई है। साथ ही दिल्ली में प्रदूषण से मुकाबला करने के लिए दो हजार इलेक्ट्रिक बसों के लिए विशेष पैकेज की मांग पर भी ध्यान नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में जमीन का मामला केंद्र सरकार के अधीन आता है, लेकिन अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण को लेकर किसी योजना की घोषणा नहीं की गई है। साथ ही क्लीनिक, स्कूल, अस्पताल और बस डिपो बनाने के लिए दिल्ली सरकार को और जमीन देने के बारे में भी कोई घोषणा नहीं की गई। अरविंद केजरीवाल की दिल्ली सरकार केंद्रीय करों और शुल्कों में दिल्ली की हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग करती रही है लेकिन इस पर भी कभी ध्यान नहीं दिया गया।