केंद्र सरकार के बजट में दिल्ली-एनसीआर की प्रदूषण-समस्या से निपटने के लिए विशेष योजना को शामिल किया गया है। सरकार का कहना है कि वह इसके लिए गंभीर है।
वित्त मंत्री अरुण जेतली ने कहा कि दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब में प्रदूषण की समस्या बहुत गंभीर रही है। इसके लिए केंद्र सरकार गंभीर है और इससे निजात के लिए विशेष योजना लाई जाएगी। सड़कों पर धूल की सफाई और भीड़भाड़ कम करने सहित कई कदम उठाने की योजना बनाई है। इसे अंजाम देने वाली एजेंसियों को केंद्र ने चिन्हित कर लिया है।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए समेकित कार्ययोजना सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) के ड्रॉफ्ट पर आधारित है। इसमें निरीक्षण और नियंत्रण पर विशेष जोर दिया जाएगा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को इस बारे में दिशानिर्देश जारी करने और संबंधित मंत्रालय को मामले की जानकारी देने की जिम्मेदारी दी गई है। इस योजना में पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा पर प्रदूषण से जुड़े मानदंडों को कड़ाई से लागू करने की जिम्मेदारी भी डाली जाएगी। इस वर्ष और आने वाले वर्षों में फसलों को जलाने की घटनाओं की मॉनीटरिंग सेटेलाइट की मदद से की जाएगी। साथ ही वायु प्रदूषण से उत्पन्न दश्ााओं की सूची तैयार की जाएगी, स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया जाएगा और सीपीसीबी प्रत्येक तीन महीने पर इस बारे में रिपोर्ट जारी करेगी।