केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को यस बैंक के लिए रिकंस्ट्रक्शन स्कीम को मंजूरी दे दी है जिसके तहत एसबीआई यस बैंक की 49 प्रतिशत की इक्विटी में निवेश करेगा। अन्य निवेशकों को भी निवेश के लिए कहा जा रहा है। वहीं, एसबीआई ने कहा है कि वह यस बैंक में 7250 रुपये लगाएगा। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में चार फीसदी का इजाफा कर दिया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि रिजर्व बैंक की सलाह पर यस बैंक की रिकंस्ट्रक्शन स्कीम को मंजूरी दी गई है। 5 मार्च को आरबीआई ने यस बैंक पर रोक लगा दी और 3 अप्रैल तक प्रति जमाकर्ता 50,000 रुपये की निकासी को प्रतिबंधित कर दिया था। साथ ही आरबीआई ने बोर्ड के ऊपर एसबीआई के सीएफओ और पूर्व उप प्रबंध निदेशक को प्रशासक बना दिया था।
एसबीआई की होगी 49 प्रतिशत इक्विटी
उन्होंने बताया कि भारतीय स्टेट बैंक, यस बैंक की 49 प्रतिशत इक्विटी में निवेश करेगा। अन्य निवेशकों को भी निवेश के लिये कहा जा रहा है। सरकार ने वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए यस बैंक पर एक महीने के मोराटोरियम का ऐलान किया था, जिसके बाद आरबीआई ने यस बैंक की रिकंस्ट्रक्शन स्कीम पेश की थी। वित्त मंत्री ने कहा कि एसबीआई यस बैंक में कम से कम 26 फीसदी हिस्सेदारी रखेगा। यस बैंक ऑथराइज्ड कैपिटल 1100 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 6200 करोड़ रुपये कर दिया है। एसबीआई के लिए यस बैंक में 26 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी के लिये तीन साल की लॉक-इन अवधि होगी।
एसबीआई करेगा 7250 करोड़ रुपये निवेश
उन्होंने कहा कि स्कीम को जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करने और यस बैंक के साथ-साथ संपूर्ण वित्तीय प्रणाली को स्थिरता प्रदान करने के मकसद से मंजूरी दी गई है। रिकंस्ट्रक्शन स्कीम की अधिसूचना के 3 दिनों के भीतर बैंक की रोक हटा दी जाएगी और इसकी जगह बोर्ड 7 दिनों में काम करेगा। वहीं, गुरुवार को, एसबीआई ने कहा कि वह यस बैंक में 7,250 करोड़ रुपये का निवेश करेगा, जो कि 2,450 करोड़ रुपये की तुलना में बहुत अधिक है।
अब 21 फीसदी मिलेगा महंगाई भत्ता
इसके अलावा केंद्र सरकार के कर्मचारियों का 4 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने को मंजूरी दे दी गई है। सरकार ने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता (डीए) 4 फीसदी से बढ़ाकर 21 फीसदी कर दिया गया है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को पहली जनवरी 1 जनवरी, 2020 से महंगाई भत्ते की यह रकम मिलेगी। अभी मूल वेतन और पेंशन में यह 17 फीसदी है।