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छत्तीसगढ़ के पहले चरण की 18 सीटों पर प्रचार थमा, छाया रहा नक्सल मुद्दा

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण का प्रचार शनिवार शाम पांच बजे थम गया। इस चरण में राज्य की 18...
छत्तीसगढ़ के पहले चरण की 18 सीटों पर प्रचार थमा, छाया रहा नक्सल मुद्दा

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण का प्रचार शनिवार शाम पांच बजे थम गया। इस चरण में राज्य की 18 विधानसभा सीटों पर 12 नवम्बर को मतदान होगा। इसमें बस्तर और राजनांदगांव की सीटों पर भी वोटिंग होगी, जिन पर नक्सलियों का प्रभाव हैं।

मुख्यमंत्री रमन सिंह के सामने हैं करूणा शुक्ला

सोमवार को जिन सीटो पर मतदान होगा उनमें राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री रमन सिंह की सीट राजनांदगांव भी शामिल है। कांग्रेस ने रमन सिंह के खिलाफ पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला को मैदान में उतारा है। वह भाजपा को छोड़ कांग्रेस में शामिल हुई हैं। अभियान के आखिरी दिन भाजपा नेताओं ने राजनांदगांव में रोड शो भी किया।

आखिरी दिन झोंकी ताकत

दंतेवाड़ा सीट पर भी निगाहें रहेंगी, यहां से मौजूदा विधायक देवती कर्मा कांग्रेस की उम्मीदवार हैं। देवती कर्मा दिवंगत नेता महेंद्र कर्मा की पत्नी हैं, जिनकी नक्सली हमले में मौत हो गई थी।

चुनाव प्रचार के आखिरी दिन शनिवार को भाजपा, कांग्रेस और अजीत जोगी की पार्टी के नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी। भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अलग-अलग जगहों पर कई चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया।

12 पर है कांग्रेस का कब्जा

जिन 18 सीटो पर मतदान होना है उनमें 12 कांग्रेस और छह भाजपा के पास हैं। इन सीटो पर सोमवार को कोंटा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, चित्रकोट, बस्तर, जगदलपुर, नारायणपुर, केशकाल, कोंडागांव, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कांकेर, खेरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोगरगांव, खुज्जी और मोहल्ला मानपुर सीटों पर मतदान होगा।

नक्सल प्रभावित बस्तर इलाके में 20.4 लाख वोटर्स हैं। बस्तर के 12 विधानसभा क्षेत्रों में से 15,00 पोलिंग बूथों लाल आतंक का खतरा मंडराता है। पुलिस ने इन पोलिंग बूथों को अति संवेदनशील बूथों में रखा है। जब से यहां आचार संहिता लगी है तब से लेकर अब तक यहां नक्सलवादी हिंसा की तीन घटनाएं हो चुकी हैं।

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