Advertisement

एक ही हफ्ते में 'स्वदेशी' पर गृह मंत्रालय ने लिया यूटर्न, सीएपीएफ की कैंटीन में पहले की तरह मिलते रहेंगे सभी ब्रांड

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों(सीएपीएफ) की कैंटीन में सिर्फ स्वेदशी सामान ही बेचे जाने के आदेश के बाद...
एक ही हफ्ते में 'स्वदेशी' पर गृह मंत्रालय ने लिया यूटर्न, सीएपीएफ की कैंटीन में पहले की तरह मिलते रहेंगे सभी ब्रांड

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों(सीएपीएफ) की कैंटीन में सिर्फ स्वेदशी सामान ही बेचे जाने के आदेश के बाद अब गृह मंत्रालय ने खुद ही अपने इस आदेश पर रोक लगा दी है। गृह मंत्रालय ने गुरुवार यानी 13 मई को दिए अपने उस आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है जिसमें कहा गया था कि सीएपीएफ की कैंटीन में अब केवल स्वदेशी सामान ही बेचे जाएंगे।

गृह मंत्रालय से मिले आदेश के बाद से सीएपीएफ ने देश भर में चलने वाली कैंटीन के लिए 400 से अधिक वेंडरों से अपनी खरीद के सभी ऑर्डर ‘फिलहाल स्थगित’ कर दिए थे। इन कैंटीन से करीब 50 लाख अर्धसैनिक बल के कर्मी और उनके परिवार सामान खरीदते हैं।

बता दें कि देश में कोरोना संकट के चलते उपजी स्थिति को देखते हुए पीएम मोदी ने देशवासियों से आत्मनिर्भर बनने की अपील करते हुए आत्मनिर्भर भारत अभियान की घोषणा की थी। इसके बाद ही गृह मंत्रालय की ओर से आदेश जारी करते हुए कहा गया था कि अब देश में सीएपीएफ की सभी कैंटीनों में सिर्फ स्वदेशी उत्पादों की ही बिक्री होगी। हालांकि अब मंत्रालय ने खुद ही अपने आदेश पर रोक लगा दिया है।

फिलहाल आदेश सरकार ने लगाई रोक

केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडारण निकाय ने हाल में आदेश जारी कर ‘‘हर तरह की सामग्री के ऑर्डर पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है और यह रोक तब तक रहेगी जब तक कि गृह मंत्रालय से स्वदेशी कंपनियों और उत्पादों को लेकर निर्देश प्राप्त नहीं हो जाता है।’’ निकाय ने सभी अर्द्धसैनिक या केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) को सूचित किया कि जो ऑर्डर दिए जा चुके हैं और जो ‘‘आपूर्ति होने वाले’’ हैं उन्हें स्वीकार किया जाएगा। बहरहाल, पहले दिए गए जो जिन ऑर्डर को भेजने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है उन्हें स्थगित किया जा रहा है या फिलहाल रद्द किया जा रहा है। निकाय ने कहा कि जो माल नहीं बिका है उसे आपूर्तिकर्ता को वापस लौटाने की जरूरत नहीं है। केंद्रीय पुलिस कैंटीन में वर्तमान में आपूर्ति के लिए 446 भारतीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियां पंजीकृत हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘स्वदेशी’ उत्पादों पर गृह मंत्रालय का आदेश जल्द आने की उम्मीद है। वाणिज्य मंत्रालय के साथ बैठक हो रही है ताकि देखा जा सके कि कैसे ‘मेक इन इंडिया’ एवं अन्य पहल का लाभ इन कैंटीन के लिए लिया जा सके जिससे घरेलू उद्योग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों और खादी उद्योग को बढ़ावा मिल सके।’

पूरे देश में 1700 से अधिक केंद्रीय पुलिस कैंटीन का नेटवर्क

केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के कैंटीन पूरे देश में 1700 से अधिक केंद्रीय पुलिस कैंटीन का नेटवर्क चलाते हैं, जिसमें किराना का सामान, कपड़े, उपहार सामग्री और वाहन एवं अन्य सामानों की बिक्री होती है। इनमें शराब की बिक्री नहीं होती।

अमित शाह ने की थी ये अपील

करीब एक सप्ताह पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों(सीएपीएफ) की कैंटीनों पर अब सिर्फ स्वदेशी उत्पादों की ही बिक्री होगी। शाह ने कहा था कि आज गृह मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है कि सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों(सीएपीएफ) की कैंटीनों पर अब सिर्फ स्वदेशी उत्पादों की ही बिक्री होगी। 01 जून 2020 से देशभर की सभी सीएपीएफ कैंटीनों पर यह लागू होगा। इससे लगभग 10 लाख सीएपीएफ कर्मियों के 50 लाख परिजन स्वदेशी उपयोग करेंगे।

शाह ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश को आत्मनिर्भर बनाने और लोकल प्रोडक्ट्स (भारत में बने उत्पाद) उपयोग करने की एक अपील की जो निश्चित रूप से आने वाले समय में भारत को विश्व का नेतृत्व करने का मार्ग प्रशस्त करेगी। अमित शाह ने कहा था, "अगर हर भारतीय भारत (स्वदेशी) में बने उत्पादों का उपयोग करने की प्रतिज्ञा करता है, तो देश पांच साल में आत्मनिर्भर बन सकता है।"

2,800 करोड़ रुपये सालाना के उत्पाद बेचती हैं सीएपीएफ कैंटीन

सीएपीएफ-सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, एनएसजी और असम राइफल्स- कैंटीन मिलकर लगभग 2,800 करोड़ रुपये सालाना के उत्पाद बेचती हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad