असम की गुवाहाटी विश्वविद्यालय की एक स्कॉलर को एक दो साल पुरानी फेसबुक पोस्ट ने अब परेशानी में डाल दिया है। उस पोस्ट में पाकिस्तान का समर्थन और बीफ खाने की बात कही गई थी। असम पुलिस ने उस स्कॉलर के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोपी रेहना सुल्ताना का दावा है कि पोस्ट के गलत मायने निकाले गए और जून 2017 में इसे पोस्ट किए जाने के कुछ मिनट बाद ही हटा दिया था।
पुलिस का कहना है कि एक स्थानीय न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के बाद उन्हें रेहना सुल्ताना की पोस्ट के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद उसके खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। वेबसाइट ने दावा किया है कि उसने बकरीद के मौके पर यह पोस्ट की थी। पोस्ट में सुल्ताना ने लिखा था, 'पाकिस्तान के जश्न का समर्थन करने के लिए आज बीफ का सेवन किया। मैं जो खाती हूं, वह मेरी टेस्टीबुड्स पर निर्भर करता है।'
रेहाना ने उस दावे का खंडन कर दिया कि यह पोस्ट हाल ही की है
रेहना सुल्ताना ने कबूल किया कि यह पोस्ट उसकी ही थी, लेकिन उसने उस दावे का खंडन कर दिया कि यह हाल ही की है। सुल्ताना ने बताया कि उसे अपनी गलती का तुरंत एहसास हो गया। उसने बताया, 'मैंने कबूल किया कि मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था और मेरी पोस्ट के गलत मायने निकाले जा सकते हैं। इसलिए उसे पोस्ट करने के कुछ देर बाद ही हटा दिया था।'
‘इस मुद्दे को इसलिए लाया गया है, ताकि मुझे दबाया जा सके’
बता दें कि एनआरसी की आलोचना करने वाली एक कविता को शेयर करने के आरोप में पिछले महीने ही रेहना सुल्ताना और नौ अन्य के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया था। अब वह दावा करती है कि इस पोस्ट को इसलिए सामने लाया गया है, ताकि उसने द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों को दबाया जा सके। उसने बताया, 'मैं एनआरसी सूची में वास्तविक नागरिकों को शामिल करने के लिए काम करती हूं और मैं अक्सर सुनवाई में उनकी मदद भी करती हूं। मुझे लगता है कि इस मुद्दे को इसलिए लाया गया है, ताकि मुझे दबाया जा सके।'
गुवाहाटी पुलिस कमिश्नर इस मामले को देख रहे हैं: डीजीपी
डीजीपी कुलधर साकिया ने बताया कि गुवाहाटी पुलिस कमिश्नर इस मामले को देख रहे हैं। उन्होंने बताया, 'हम पूरी कोशिश यह सुनिश्चित करने में कर रहे हैं कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल फेक न्यूज और नफरत भरे मैसेज फैलाने में ना इस्तेमाल हों। स्थानीय पुलिस को भी इस बारे में कहा गया है कि ऐसे मामलों पर नजर रखें।