उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले की दातागंज पुलिस ने रामगंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल से नदी में एक कार के गिरने से हुई तीन लोगों की मौत के मामले में सोमवार को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अभियंताओं और गूगल मैप के एक अधिकारी के खिलाफ लापरवाही के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने पीडब्ल्यूडी विभाग के चार इंजीनियरों पर केस दर्ज किया है। इनके अलावा पुलिस ने 5 अन्य को भी एफआईआर में शामिल किया है। पुलिस ने एफआईआर में असिस्टेंट इंजीनियर मोहम्मद आरिफ और अभिषेक कुमार, जूनियर इंजीनियर अजय गंगवार और महाराज सिंह पर एफआईआर दर्ज की गई है। बदायूं प्रशासन की तरफ से नायब तहसीलदार छविराम ने यह एफआईआर दर्ज कराई है। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी जिसके बाद प्रशासन ने यह कदम उठाया है।
पुलिस के अनुसार, दातागंज थाना क्षेत्र की सीमा पर बरेली जिले के फरीदपुर थाना क्षेत्र के खल्लपुर-दातागंज मार्ग पर निर्माणाधीन रामगंगा पुल पर रविवार को यह हादसा हुआ। रविवार सुबह करीब 10 बजे तीनों कार सवार बरेली से दातागंज (बदायूं जिला) जा रहे थे।
पुलिस के अनुसार, मार्गदर्शक के लिए वे ‘जीपीएस नेविगेशन’ की मदद ले रहे थे। बाढ़ के चलते पुल का अगला हिस्सा नदी में बह गया था, लेकिन ‘जीपीएस नेविगेशन’ में यह जानकारी शामिल नहीं की गयी थी और इस कारण कार पुल से नीचे गिर गई और तीन लोगों की मौत हो गई।
पुलिस के मुताबिक, मृतकों की पहचान फर्रुखाबाद जिले के निवासियों–नितिन (30) एवं अजीत (30) और मैनपुरी जिले के निवासी अमित (40) के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि नितिन और अजीत भाई हैं। उसने बताया कि तीनों नोएडा से फरीदपुर (बरेली में) एक शादी समारोह में शामिल होने जा रहे थे।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार सोमवार दोपहर में बदायूं जिले के दातागंज तहसील के नायब तहसीलदार छविराम की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर लोक निर्माण विभाग के चार अधिकारियों– सहायक अभियंताओं (प्रांतीय खंड प्रथम) मुहम्मद आरिफ एवं अभिषेक और अवर अभियंताओं महाराज सिंह और अजय गंगवार के अलावा कुछ अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दातागंज कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज की गयी है। इस प्राथमिकी में गूगल के क्षेत्रीय प्रबंधक की लापरवाही का भी संज्ञान लिया गया है।
दातागंज कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) गौरव बिश्नोई ने बताया कि छविराम की तहरीर पर लोक निर्माण विभाग के चार अभियंताओं के साथ ही कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है जिनमें ‘गूगल मैप’ के क्षेत्रीय अधिकारी को भी जांच के दायरे में लाया गया है। उन्होंने बताया कि ‘गूगल मैप’ के क्षेत्रीय अधिकारी का नाम नहीं पता है, इसलिए जांच के बाद ही उनका नाम शामिल किया जाएगा।
प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि दातागंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच प्रारंभ कर दी गई है। इस बीच, ‘गूगल’ के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘हमारी गहरी संवेदनाएं परिवारों के साथ हैं। हम अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और मामले की जांच में अपना सहयोग दे रहे हैं।’
बदायूं की जिलाधिकारी (डीएम) निधि श्रीवास्तव ने संपर्क किए जाने पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘घटनास्थल पर सुधारात्मक उपायों के अलावा, पीडब्ल्यूडी के दो सहायक अभियंताओं और दो अवर अभियंताओं तथा अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या के लिए दंड) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।’
श्रीवास्तव ने कहा, ‘पीडब्ल्यूडी, सेतु निगम को ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचने के लिए सभी सड़कों, पुलों, फ्लाईओवर, अंडरपास आदि का निरीक्षण करने और जहां भी आवश्यक हो, आवश्यक सुधारात्मक उपाय करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।’
क्या था मामला
बदायूं और बरेली जिले के बीच रामगंगा नदी पर पुल बीच में से टूटा हुआ था। पुल का निर्माण पूरा नहीं हुआ था और बारिश के मौसम में जब नदी में बाढ़ आ गई थी उस वक्त पुल का अगला हिस्सा नदी में बह गया था। हालांकि गूगल मैप पर यही रास्ता दिख रहा था, जिसकी वजह से कार चालक सीधे चलते गए और तेज रफ्तार कार अचानक नदी में जा गिरी। हादसे के बाद बरेली की फरीदपुर पुलिस और बदायूं की दातागंज पुलिस मौके पर पहुंची और जेसीबी की मदद से कार को बाहर निकलवाया गया।