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मरांडी के आक्रमण के बाद सीएम ने हटाया अपने प्रधान सचिव को, राज्यपाल से मिल भाजपा ने की कारवाई की मांग

रांची। बाहरी व्यक्ति विशाल चौधरी के निजी कार्यालय में बैठ मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण...
मरांडी के आक्रमण के बाद सीएम ने हटाया अपने प्रधान सचिव को, राज्यपाल से मिल भाजपा ने की कारवाई की मांग

रांची। बाहरी व्यक्ति विशाल चौधरी के निजी कार्यालय में बैठ मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का द्वारा फाइल निबटाने संबंधी वीडियो क्लिप जारी करने की भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की कारवाई के बाद राजीव अरुण एक्का को कल देर रात हटा दिया गया। सोमवार को इसी मसले पर भाजपा का शिष्टमंडल राज्यपाल से मिला और राजीव अरुण एक्का के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा सीबीआई जांच केलिए पहल का आग्रह किया। एक्का जो सीएम के प्रधान सचिव के साथ गृह और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग का काम देख रहे थे उन्हें पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव के पद पर भेज दिया गया है।

भाजपा ने इस मामले में राज्यपाल को ज्ञापन देकर कहा कि  इस पत्र के साथ संलग्न  पेन ड्राइव में वीडियो क्लिप का  अवलोकन किया जाए जो राज्य के वरिष्ठ आई ए एस अधिकारी जो मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के अतिरिक्त गृह, कारा,सूचना प्रसारण एवं आपदा प्रबंधन विभाग के भी प्रधान सचिव थे ।जिन्हे मीडिया में उपर्युक्त वीडियो क्लिप के उजागर होने के बाद राज्य सरकार ने पंचायती राज विभाग का प्रधान सचिव बनाया है,से संबंधित है।

यह वीडियो क्लीप झारखंड  सरकार में दलाली एवं बिचौलियागिरी करने वाला एक प्रमुख व्यक्ति विशाल चौधरी के रांची शहर में अरगोड़ा के निकट स्थित प्राइवेट कार्यालय का है जहां बैठकर सरकारी फ़ाइलों पर दस्तख़त करते हुए  राजीव अरुण एक्का नज़र आ रहा रहे हैं , जो कल 5मार्च 2023 के पूर्वाह्न तक झारखंड के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव और राज्य के गृह, कारा जैसे सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील विभाग के अतिरिक्त सूचना जनसंपर्क,आपदा प्रबंधन  विभाग के भी प्रधान सचिव थे।वीडियो में जो महिला बग़ल में खड़ी होकर फ़ाईल साईन करवा रही है वो कोई सरकारी कर्मचारी नहीं बल्कि विशाल चौधरी की प्राइवेट कर्मचारी बतायी जा रही है। बग़ल से जिसकी आवाज़ सुनाई दे रही है वो विशाल चौधरी की आवाज़ बतायी गयी है, जो अपने महिला कर्मचारी से किसी से पैसे आने-नहीं आने के बारे में पूछ रहा है। महिला कर्मचारी के ना कहने पर संभवतः विशाल किसी को फ़ोन लगाकर उसी पैसे का तगादा कर रहा है।

कई लोगों ने बताया है कि राजीव अरूण एक्का के प्रभार वाले सारे विभागों की वैसी महत्वपूर्ण, मालदार एवं संवेदनशील फ़ाईलें सचिवालय से  सीधे विशाल चौधरी के प्राइवेट कार्यालय में पंहुचा दी जाती थी जिनमें मोटी रक़म वसूली करने का स्कोप होता था। फिर विशाल फ़ोन कर लाभान्वितों से पैसे वसूलता था, तब एक्का साहब विशाल के निजी कार्यालय में जाकर पैसे वसूले जा चुके संचिकाओं पर हस्ताक्षर करते थे।

यह कार्य राज्य और देश की सुरक्षा से भी जुड़ा  हुआ है । ऐसे में आशंका है कि एक्का ने अपने इस ग़ैर क़ानूनी काम से इस दलाल के मार्फ़त बड़े पैमाने पर पैसे की वसूली कर मनी लांड्रिंग की है। गृह विभाग सीधे मुख्यमंत्री के अधीन है। ये मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भी थे। ऐसे में मुख्यमंत्री के यहां निर्णय के लिये जाने वाली तमाम संचिकायें भी इस अधिकारी के माध्यम से कल तक मुख्यमंत्री के पास जाती थी। ऐसी संचिकाएं दलाल के प्राइवेट कार्यालय बिना मुख्यमंत्री की जानकारी के पहुंच रही हो , ये कैसे संभव है? निश्चित रूप से विशाल चौधरी के मार्फ़त वसूली का हिस्सा ऊपर तक भी पंहुच रहा होगा, जो जांच का विषय है।

आपराधिक कृत्य है। इसकी गंभीरता को देखते हुए इसकी सीबीआई से जांच जरूरी है। प्रसंगवश यह उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व ईडी की कार्रवाई के क्रम में एक और  दलाल  प्रेम प्रकाश के आवास से मुख्यमंत्री की सुरक्षा में लगे जवानों के एके 47 जैसे महत्वपूर्ण हथियार बरामद हुए हैं जिसपर जांच की कार्रवाई चल रही है। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश, विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, प्रदेश संगठन महामंत्री आदि शामिल थे।

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