देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) बनाम सीबीआई मामला दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। अब इस मामले में एडिशनल एसपी एसएस गुरम दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे। गुरम ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि राकेश अस्थाना कोर्ट को भटका रहे हैं। उन्होंने कहा कि अस्थाना के खिलाफ रिश्वतखोरी के साफ सबूत हैं।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, गुरम की याचिका में कहा गया है कि सीबीआई इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है। पूरे सबूत होने के बाद भी अस्थाना को बचाने की कोशिश की जा रही है। गुरम की ओर से कहा गया है कि पीसी एक्ट की धारा 17ए की कोई जरूरत नहीं है।
अस्थाना कोर्ट को गुमराह कर रहे हैं: गुरम
अपनी याचिका में गुरम ने कहा कि अस्थाना के खिलाफ 15 अक्टूबर को सीबीआई में दर्ज एफआईआर बिल्कुल सही है। एफआईआर दर्ज करने में कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया है और अब राकेश अस्थाना कोर्ट को गुमराह कर रहे हैं। याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट से अस्थाना की उस याचिका को खारिज करने की मांग की गई है जिसमें अस्थाना ने एफआईआर रद्द करने की मांग की है।
अस्थाना की याचिका में गुरम ने खुद को शामिल करने की अपील की
गुरम ने कहा है कि अस्थाना पर जुर्माना भी लगाया जाए। गुरम ने अस्थाना की याचिका में उन्हें शामिल करने की अपील भी की है। साथ ही यह भी कहा है कि यह एफआईआर सुप्रीम कोर्ट के ललिता कुमारी फैसले के तहत दर्ज की गई, जिसमें कहा गया था कि किसी संज्ञेय अपराध की शिकायत मिलने पर एफआईआर दर्ज की जाए।
इस मामले में एएसजीपीएस नरसिंहा ने दी थी कानूनी रॉय
इस संबंध में केंद्र सरकार के ही एएसजी पीएस नरसिंहा ने भी कानूनी रॉय दी थी। इसमें कहा था कि जांच या एफआईआर से पहले अनुमति की जरूरत नहीं। हालांकि चौंकाने वाली बात यह है कि सीबीआई के एडिशनल एसपी एसएस गुरम ने अपनी याचिका में दावा किया है कि स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। राकेश अस्थाना को दिसबंर 2017 में 2.95 करोड़ रुपये दिए गए। फिर घूस के तौर पर 36 करोड़ रुपये और दिया गया।