चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका का सीबीआई ने विरोध किया है। सीबीआई ने कोर्ट में दाखिल किए अपने हलफनामे में कहा है कि चुनाव के दौरान राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए लालू ने जमानत मांगी है जिसे मंजूर नहीं किया जाना चाहिए। कोर्ट इस मामले पर 10 अप्रैल को सुनवाई करेगा।
सीबीआई ने कहा है कि लालू यादव जेल में न रहकर अस्पताल के विशेष वार्ड में रहते हैं और वहीं से राजनीतिक गतिविधियां चलाते हैं। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लालू यादव जमानत मांग रहे है ताकि वो राजनीति में एक्टिव हो सकें और अपनी जमानत का दुरूपयोग कर सकते हैं। जांच एजेंसी ने कहा कि वैसे भी लालू प्रसाद यादव आठ महीने से ज्यादा वक्त से अस्पताल के वार्ड में हैं और राजनीतिक गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं।
'जेल में भी चला रहे थे राजनीतिक गतिविधियां'
सीबीआई ने अपने जवाब में कहा, ‘याचिकाकर्ता लालू यादव जिस अवधि में अस्पताल में रहे हैं, उन्हें ना सिर्फ सभी सुविधाओं से युक्त विशेष वार्ड की अनुमति दी गई बल्कि वह वहां से आभासी तरीके से अपनी राजनीतिक गतिविधियां चला रहे हैं। यह उनके मुलाकातियों की सूची से स्पष्ट है।’
एजेंसी ने कहा कि यादव दावा करते हैं कि वह इतने बीमार हैं कि जेल में नहीं रह सकते लेकिन अचानक वह जमानत पाने के लिए स्वस्थ हो गए हैं।
सीबीआई से मांगा था जवाब
इससे पहले राजद सुप्रीमो की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की थी जिस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि मामले में एजेंसी को जवाब दायर करने की आवश्यकता है। पीठ ने कहा था कि सीबीआई नौ अप्रैल तक जवाब दायर करें। 10 अप्रैल को मामले पर सुनवाई करेंगे।
हाई कोर्ट के फैसले को दी है चुनौती
लालू यादव ने अपनी बीमारी का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल की है। लालू ने कहा है कि वो 71 साल के हैं और साथ ही साथ एक राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष भी हैं। इस समय रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद राजद प्रमुख ने झारखंड हाई कोर्ट द्वारा 10 जनवरी को अपनी जमानत याचिका खारिज किए जाने को चुनौती दी है।
900 करोड़ रुपये से ज्यादा के चारा घोटाले से संबंधित तीन मामलों में लालू प्रसाद को दोषी ठहराया गया है। यह मामले 1990 के दशक की शुरुआत में पशुपालन विभाग के कोषागार से पैसे की धोखाधड़ी करने से संबंधित थे। उस समय झारखंड बिहार का हिस्सा था।