एयरसेल मैक्सिस डील मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए सीबीआई और ईडी को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा, ‘जब मौजूदा और रिटायर्ड सरकारी अफसरों के खिलाफ अभी तक विभाग से मामला चलाने की सैंक्शन नहीं मिली है तो फिर कैसे सप्लीमैंट्री चार्जशीट फाइल कर दी गई।‘ मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी।
स्पेशल जज ओ पी सैनी ने सीबीआई के वकील से कहा है कि अगर सात सप्ताह में आरोपी अफसरों के विभाग से सैंक्शन नहीं मिली तो सीबीआई और ईडी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट को रद्द कर दिया जाएगा। सोमवार को सीबीआई और ईडी के द्वारा दायर सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर कोर्ट को संज्ञान लेना था लेकिन सीबीआई ने कोर्ट से छह सप्ताह का समय मांगते हुए दलील दी की अभी आरोपी अफसरों के डिपार्टमेंट से सैंक्शन नहीं आई है। इस मांग पर कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाते हुए सीबीआई से सवाल किया कि अगर सैंक्शन नहीं आई थी तो आपने सप्लीमेंट्री चार्जशीट फाइल क्यों कर दी।
सीबीआई ने दायर की थी सप्लीमैंट्री चार्जशीट
एयरसेल मैक्सिस डील मामले सीबीआई और ईडी ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और बेटे कार्ति चिदम्बरम समेत 10 लोगों और 8 कंपनियों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है। इनमें से कई बड़े सरकारी अफसर हैं जिनके डिपार्टमेंट से अभी सैंक्शन नहीं आई है। सीबीआई और ईडी के मुताबिक, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कंपनी को फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट की इजाजत गलत तरीके से दी। सीबीआई ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट में पी चिदंबरम और कार्ति चिदम्बरम के खिलाफ 120बी, 7,12 और 13 पीसी एक्ट के तहत सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है।