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राकेश अस्थाना को हाई कोर्ट से झटका, एफआईआर रद्द करने से इनकार

दिल्ली हाई कोर्ट ने रिश्वतखोरी के मामले में सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ एफआईआर...
राकेश अस्थाना को हाई कोर्ट से झटका, एफआईआर रद्द करने से इनकार

दिल्ली हाई कोर्ट ने रिश्वतखोरी के मामले में सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया है कि जांच एजेंसी राकेश अस्थाना और डीएसपी देवेंद्र कुमार के खिलाफ 10 हफ्तों के अंदर जांच पूरी करे। कोर्ट ने राकेश अस्थाना को अंतरिम राहत देने से भी इनकार कर दिया है।

राकेश अस्थाना और डीएसपी देवेंन्द्र कुमार ने अपने ऊपर दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए हाई कोर्ट में अपील की थी। जस्टिस नजमी वजीरी ने 20 दिसंबर 2018 को दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। तब सीबीआई के तत्कालीन डायरेक्टर आलोक वर्मा ने कहा था कि अस्थाना के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों में एफआईआर दर्ज करते समय सभी अनिवार्य प्रक्रियाओं का पालन किया गया है।

पूर्व अनुमति की जरूरत नहीं

कोर्ट ने सीबीआई के डीएसपी देवेंद्र कुमार और कथित बिचौलिए मनोज प्रसाद के खिलाफ दर्ज एफआईआर भी रद्द करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मामले में अस्थाना और कुमार के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पूर्व अनुमति की जरूरत नहीं है। सीबीआई के डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार भी किया था। बाद में निचली अदालत से उन्हें जमानत मिल गई थी।

भ्रष्टाचार और जबरन वसूली का लगाया है आरोप

सीबीआई ने 15 अक्टूबर 2018 को राकेश अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। शिकायतकर्ता हैदराबाद के कारोबारी सतीश बाबू सना ने आरोप लगाया था कि उसने एक मामले में राहत पाने के लिये रिश्वत दी थी। सना ने अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार, जबरन वसूली, मनमानापन के आरोप लगाए थे। सना से मोइन कुरैशी मामले की जांच कर रही अस्थाना की विशेष टीम ने पूछताछ की थी। कारोबारी ने आरोप लगाया था कि दुबई के एक बिचौलिये ने स्पेशल डायरेक्टर से उसके कथित संबंधों की मदद से रिश्वत के बदले राहत का प्रस्ताव रखा था।

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