नजीब अहमद को जेएनयू से लापता हुए सात महीने हो चुके हैं और अभी तक पुलिस नजीब का पता लगाने में नाकाम रही है। हाई कोर्ट ने मामले को सीबीआई को ट्रांसफर करते हुए अगली सुनवाई 17 जुलाई को करने को कहा है। नजीब की मां का कहना है कि कोर्ट के फैसले से अब न्याय की कुछ उम्मीद बंधी है। अपराध शाखा जांच करने के बजाय यह साबित करने में लगी थी कि नजीब मानसिक तौर पर स्वस्थ्य नहीं था।
मालूम हो कि मामले में दिल्ली पुलिस ने दोनों पक्षों के लिए पॉलीग्राफी टेस्ट की मांग की थी। कोर्ट ने कहा था कि अगर जांच में पुलिस कुछ खास नहीं कर पा रही है तो वह पॉलीग्राफ टेस्ट करा सकती है। इससे जुड़े शख्स को खंगाला जाए जो मामले में कुछ जानकारी दे सकें।
पिछले साल 15 अक्टूबर को नजीब लापता हुआ था। घटना वाली रात नजीब की किसी दूसरे गुट से झगड़े की बात सामने आई थी। इसके बाद कथित तौर पर नजीब कहीं जाने के लिए आटो से निकला था लेकिन पुलिस नजीब का पता लगाने में नाकाम रही।
हालांकि कोर्ट इससे पहले कई बार पुलिस को आड़े हाथों ले चुका है। नजीब को पता लगाने के लिए परिजन भी कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं।