मद्रास हाईकोर्ट ने पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों को होमवर्क ना देने के अपने हालिया फैसले को सीबीएसई की ओर से नहीं लागू किए जाने पर उसकी खिंचाई की है। कोर्ट ने सीबीएसई से इस संबंध में सर्कुलर जारी नहीं करने पर कहा कि खुद को सीबीआई न समझें सीबीएसई।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, न्यायमूर्ति एन किरुबाकरन ने कहा, 'सीबीएसई ने इस मामले की गंभीरता और अदालत की ओर से जारी किए गए निर्देश की गंभीरता को नहीं समझा। सीबीएसई के अधिकारी खुद को सीबीआई समझते हैं जबकि ऐसा नहीं है।' उन्होंने कहा कि अगर 17 अगस्त तक इस संबंध में सर्कुलर जारी नहीं किया जाता है तो सीबीएसई के सचिव को अदालत में पेश होना चाहिए।
जानें क्या था कोर्ट का आदेश
मई के अंत में मद्रास हाई कोर्ट ने केंद्र को कुछ निर्देश दिए थे। इन निर्देशों में कोर्ट ने कहा था की पहली और दूसरी क्लास तक के बच्चों के बैग का वजन कम किया जाए और उन्हें होमवर्क देना बंद किया जाए। कोर्ट ने इन्हें लागू करने की बात सीबीएसई तक पहुंचाए जाने को भी कहा था। इसी के उल्लंघन पर कोर्ट ने ये तल्ख टिप्पणी की है।
कोर्ट ने केंद्र से जो बड़ी बातें तय करने को कही थीं उनमें बच्चे के बैग का वजन उसके वजन के 10% से ज्यादा नहीं होने और एनसीईआरटी की किताबों को अनिवार्य बनाने जैसी बातें भी शामिल थीं। सीबीएसई से ये भी कहा गया था कि वो ऐसे फ्लाइंग स्कॉवड्स बनाए जो इन नियमों का उल्लंघन कर रहे स्कूलों का पता लगा सके।