मानव संसाधन मंत्रालय ने 12वीं के अर्थशास्त्र और 10वीं के गणित का पेपर लीक होने के बाद सीबीएसई की परीक्षा प्रक्रिया की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। पूर्व शिक्षा सचिव विनय शील ओबेराय को सात सदस्यीय समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। समिति तकनीक की मदद से परीक्षा को कैसे सुरक्षित और विश्वसनीय बनाया जाए इस पर भी सुझाव देगी। समिति अपनी रिपोर्ट 31 मई तक मंत्रालय के पास जमा करेगी।
मानव संसाधन मंत्रालय के सचिव अनिल स्वरूप ने बताया कि समिति में सीबीएसइ के पूर्व परीक्षा नियंत्रक और उत्तर प्रदेश परीक्षा बोर्ड के सचिव पवनेश कुमार, यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड में भारत के प्रतिनिधि और एनसीआरटी व एनसीटीई के पूर्व चेयरमैन जेएस राजपूत, एसएनडी महिला विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति वसुधा कामत और शिक्षा विभाग के पूर्व निदेशक कृष्ण मोहन त्रिपाठी भी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि समिति प्रिटिंग प्रेस से परीक्षार्थियों तक प्रश्न पत्र के पहुंचने तक की वर्तमान व्यवस्था की खामियों की जांच करेगा। समिति यह भी सलाह देगी कि कैसे कम मानवीय दखल के तकनीक के सहारे व्यवस्था और सुरक्षित बन सके।
पिछले कई दिनों से लीक की खबरों के कारण सीबीएसई की परीक्षाओं की प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे थे। इसके बाद यह कदम उठाया गया है। एचआरडी मंत्रालय ने पिछले सप्ताह 12वीं की अर्थशास्त्र की परीक्षा 25 अप्रैल को दोबारा कराने की घोषणा की थी। 10वीं की गणित की परीक्षा दोबारा नहीं कराने की घोषणा की गई है।