उत्तराखंड के जोशीमठ में धंसाव के चलते सैकड़ों घरों, होटलों व अन्य दुकानों में दरारें पड़ गई हैं। चिंताजनक हालात को लेकर केंद्र सरकार भी एक्शन में आ गई है और हालात पर नजर बनाए हुए है। मामले पर प्रधानमंत्री कार्यालय में रविवार को एक अहम बैठक हुई। केंद्र ने जोशीमठ की स्थिति का अध्ययन करने, सिफारिशें देने के लिए सात संगठनों के विशेषज्ञों की टीम गठित की हैं।
अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय एजेंसियां, विशेषज्ञ छोटी, मध्यम और लंबी अवधि की योजनाएं तैयार करने में उत्तराखंड सरकार की मदद कर रहे हैं। बैठक में जोशीमठ के जिला पदाधिकारी भी मौजूद रहे. ग्राउंड जीरो पर मौजूद जोशीमठ के जिला पदाधिकारी इस समीक्षा बैठक में वीडियो कांफ्रेंस से शामिल हुए। जोशीमठ में एनडीआरएफ की एक, एसडीआरएफ की चार टीमें; सीमा प्रबंधन सचिव, एनडीएमए के सदस्य स्थिति का जायजा लेने के लिए सोमवार को उत्तराखंड जाएंगे।
जोशीमठ की सड़कों, घर, ऑफिस, मैदान, होटल, स्कूल आदि में भूमि दरकने के कारण बड़ी-बड़ी दरारें आ गई है। जिसके कारण ये भवन रहने के लिए असुरक्षित हो गए हैं, इसी को देखते हुए जोशीमठ में तमाम डेवलपमेंटल गतिविधियां भी रोक दी गई हैं। मसलन रोपवे, जल, विद्युत के लिए काम कर रहा कंपनियों ने काम रोक दिए हैं।
राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से लोगों को शिफ्ट कर दिया है। उऩके भोजन, पानी, दवा, डॉक्टर सभी सुविधाएं दी गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा पहला कर्तव्य है हम हर हाल में वहां प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाएं। अब तक 603 घरों में दरारें आ गई हैं। कई घर गिरने की कगार पर हैं।