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माल्या के लुकआउट नोटिस में बदलाव पर CBI ने मानी गलती, कहा- ये 'एरर ऑफ जजमेंट' था

भारतीय बैंकों से 9000 करोड़ रुपये लेकर लंदन फरार हुए शराब कारोबारी विजय माल्या मामले पर एक और चौंका देने...
माल्या के लुकआउट नोटिस में बदलाव पर CBI ने मानी गलती, कहा- ये 'एरर ऑफ जजमेंट' था

भारतीय बैंकों से 9000 करोड़ रुपये लेकर लंदन फरार हुए शराब कारोबारी विजय माल्या मामले पर एक और चौंका देने वाला खुलासा हुआ है। इस खुलासे में सीबीआई ने अपनी गलती मानते हुए कहा है कि विजय माल्या के लुकआउट नोटिस में किए गए बदलाव गलत साबित हुए जिससे विजय माल्या को देश से भागने में मदद मिली। सीबीआई ने कहा कि माल्या के लुकआउट नोटिस को हिरासत से बदलकर सिर्फ सूचना देने में बदला गया था।

लुकआउट नोटिस में बदलाव की वजह बताते हुए सीबीआई ने कहा कि उस वक्त माल्या जांच में सहयोग कर रहे थे और उनके खिलाफ कोई वॉरंट नहीं था इसलिए उन्हें हिरासत में लेने की जरूरत नहीं है। 

जब पहला लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया माल्या तब विदेश में थे

सीबीआई ने गुरुवार को कहा कि विजय माल्या के खिलाफ 2015 के लुकआउट सर्कुलर में बदलाव करना 'एरर ऑफ जजमेंट' था। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, लुकआउट नोटिस में बदलाव की वजह बताते हुए सीबीआई ने कहा कि उस वक्त माल्या जांच में सहयोग कर रहे थे और उनके खिलाफ कोई वॉरंट नहीं था। तीन साल बाद इस विवाद के फिर से सामने आने के बाद सीबीआई सूत्रों ने कहा कि 12 अक्टूबर 2015 को जब पहला लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था, माल्या तब विदेश में थे।

'बीओआई ने सीबीआई से पूछा कि क्या माल्या को हिरासत में लिया जाना चाहिए' 

माल्या के लौटने पर ब्यूरो ऑफ इमीग्रेशन (बीओआई) ने सीबीआई से पूछा कि क्या माल्या को हिरासत में लिया जाना चाहिए जैसा कि एलओसी में कहा गया है? इस पर सीबीआई ने कहा कि उन्हें गिरफ्तार करने या हिरासत में लेने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वह वर्तमान में एक सांसद है और उनके खिलाफ कोई वॉरंट भी नहीं है। सीबीआई ने उस वक्त कहा कि उन्हें सिर्फ माल्या के आने जाने की सूचना चाहिए।

नवंबर 2015 के आखिरी हफ्ते में माल्या के खिलाफ जारी किया एक नया एलओसी 

सीबीआई के मुताबिक, माल्या के खिलाफ जांच शुरुआती चरण में थी, एजेंसी उस वक्त 900 करोड़ रुपये के लोन डिफॉल्टर मामले में आईडीबीआई से दस्तावेज एकत्रित कर रही थी। सीबीआई ने बताया कि नवंबर 2015 के आखिरी हफ्ते में माल्या के खिलाफ एक नया एलओसी जारी किया जिसमें देशभर के तमाम एयरपोर्ट को माल्या के आने जाने की सूचना देने के लिए कहा गया।

इस सर्कुलर के जारी होते ही पहले से जारी माल्या को हिरासत में लेने वाला सर्कुलर रद्द हो गया। ब्यूरो ऑफ इमीग्रेशन (बीओआई) तब तक किसी व्यक्ति को हिरासत में लेने या विमान में सवार होने से रोकने की कार्रवाई नहीं करता जब सर्कुलर में ऐसा ना कहा गया हो।

लुकआउट सर्कुलर के बाद एक बार दिल्ली में और दो बार मुंबई में पेश हुए माल्या

सीबीआई ने कहा कि माल्या ने अक्टूबर में विदेश की यात्रा की और नवंबर में लौट आए, फिर वह दिसंबर के पहले और आखिरी हफ्ते में दो यात्राओं पर गए और उसके बाद जनवरी 2016 में भी एक यात्रा की। इस बीच वह तीन बार पूछताछ के लिए पेश हुए क्योंकि लुकआउट सर्कुलर जारी किए गए थे। इसमें वह एक बार नई दिल्ली में और दो बार मुंबई में पेश हुए।

नोटिस में बदलाव 'एरर ऑफ जजमेंट' था: सीबीआई

सीबीआई ने अब कहा कि नोटिस में बदलाव 'एरर ऑफ जजमेंट' था क्योंकि वह सहयोग कर रहे थे, इसलिए विदेश जाने से रोकने का कोई कारण नहीं बनता था। लुक आउट सर्कुलर को लेकर सीबीआई ने अब गलती मानी है, सर्कुलर में बदलाव को सीबीआई ने 'एरर ऑफ जजमेंट' बताया है।

गौरतलब है कि 2 मार्च 2016 को विजय माल्या देश छोड़कर विदेश भाग गया था। इस वक्त माल्या ब्रिटेन में रह रहा है जहां वह भारत सरकार के खिलाफ प्रत्यर्पण का मुकदमा लड़ रहा है।

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