वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार कर रही संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में हंगामे के बाद 10 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया। विपक्षी सदस्यों ने पाल पर कार्यवाही को एक तमाशा बनाने का आरोप लगाया। विपक्षी सदस्यों ने दावा किया कि वह सरकार के निर्देशों पर काम कर रहे थे। पाल ने बैठक को बाधित करने के उद्देश्य से उनके आचरण की आलोचना की। समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने तृणमूल कांग्रेस नेता कल्याण बनर्जी पर अपशब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
जेपीसी के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने कहा कि उन्होंने बैठक को व्यवस्थित करने का प्रयास किया। मीटिंग को दो बार स्थगित किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। जगदंबिका पाल ने कहा कि टीएमसी के कल्याण बनर्जी की तरफ ने उनको अपशब्द कहे। ऐसे में असंसदीय भाषा का प्रयोग करने के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। पाल ने कहा कि मैं उनसे लगातार अनुरोध करता रहा, लेकिन वह हंगामे के लिए तैयार थे। इसके बाद निशिकांत दुबे ने प्रस्ताव रखा कि उन्हें अन्य लोगों के साथ निलंबित कर दिया जाए।"
जगदंबिका पाल ने कहा कि आज हमने जम्मू-कश्मीर से मीरवाइज उमर फारूक के प्रतिनिधिमंडल को समय दिया, जो विपक्ष की मांग थी। उन्होंने कहा कि पहली बार हमने देखा कि ओवैसी साहब, जो आमतौर पर संसद में विधेयकों में भाग नहीं लेते हैं, वे भी विधेयक में शामिल हुए। साथ ही जिस तरह से कल्याण बनर्जी ने असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया और मुझे गाली दी, मुझे लगता है कि यह जानबूझकर किया गया था।
निलंबित सदस्यों में बनर्जी और नदीम-उल हक (तृणमूल कांग्रेस), मोहम्मद जावेद, इमरान मसूद और सैयद नासिर हुसैन (कांग्रेस), ए राजा और मोहम्मद अब्दुल्ला (डीएमके), असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM), मोहिबुल्लाह (SP) और अरविंद सावंत (शिवसेना-यूबीटी) शामिल हैं।