गुरुवार को एक अधिकारी के अनुसार, सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में मुठभेड़ के दौरान वरिष्ठ कमांडर और केंद्रीय समिति (सीसी) के सदस्य मनोज उर्फ मोडेम बालकृष्ण सहित 10 नक्सलियों को मार गिराया है।
इससे पहले दिन में रायपुर रेंज के महानिरीक्षक (आईजी) अमरेश मिश्रा ने कहा, "गरियाबंद में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है और रुक-रुक कर गोलीबारी हो रही है। कुछ नक्सलियों के मारे जाने की संभावना है।"
अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है।इससे पहले दिन में इसी तरह की एक घटना में सुरक्षा बलों ने कांकेर-नारायणपुर सीमा क्षेत्र में मुठभेड़ में एक नक्सली को मार गिराया था।अधिकारियों ने बताया कि नक्सली की पहचान पीएलजीए मिलिट्री कंपनी 05 के सदस्य के रूप में हुई है, जिस पर 8 लाख रुपये का इनाम घोषित था। मुठभेड़ थाना परतापुर के गेड़ाबेड़ा गाँव के पहाड़ी जंगल क्षेत्र में हुई।सुरक्षा बलों ने घटनास्थल से एक .303 राइफल और एक वॉकी-टॉकी भी बरामद किया।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और कठोर मौसम के बावजूद बस्तर में तैनात पुलिस और सुरक्षा बल भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा के अनुरूप जान-माल की रक्षा के लिए पूरी निष्ठा से काम कर रहे हैं।
पुलिस महानिरीक्षक ने माओवादी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे इस वास्तविकता को स्वीकार करें कि माओवाद समाप्ति के कगार पर है।उन्होंने कहा, "अब समय आ गया है कि वे हिंसा का रास्ता छोड़ दें और सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाकर मुख्यधारा में शामिल हों। अगर वे अवैध और हिंसक गतिविधियाँ जारी रखेंगे, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।"
हाल ही में छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के बीजापुर जिले में 30 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और उनका पुनर्वास किया गया।छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि बीजापुर में 30 नक्सलियों का आत्मसमर्पण और पुनर्वास राज्य सरकार की पुनर्वास नीति, सुरक्षा बलों के प्रयासों और चल रहे विकास कार्यों का परिणाम है। उन्होंने नक्सलियों से मुख्यधारा में शामिल होने और अपने जीवन को बेहतर बनाने का भी आग्रह किया।
एएनआई से बात करते हुए शर्मा ने कहा, "बस्तर क्षेत्र के बीजापुर में 30 नक्सलियों का पुनर्वास किया गया है। यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या में से एक है। यह छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति, जवानों की बहादुरी और सरकार के विकास कार्यों का नतीजा है। हम नक्सलियों से बार-बार अपील करते हैं कि वे मुख्यधारा में शामिल हों और अपना जीवन बेहतर बनाएँ।"