आईएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा। उन्हें तिहाड़ जेल भेजा गया है। तिहाड़ भेजे जाने के सवाल पर पी चिदंबरम ने कहा कि मुझे सिर्फ अर्थव्यवस्था की चिंता है। स्पेशल जज अजय कुमार कुहाड़ ने चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल की उस दलील को खारिज कर दिया कि उनके मुवक्किल को न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा जाना चाहिए। दो दिन की सीबीआई कस्टडी खत्म होने के बाद एजेंसी ने चिदंबरम को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया। इस दौरान सीबीआई ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की, जबकि चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने इसका विरोध किया।
पहले भी अर्थव्यवस्था को लेकर कसा था तंज
इससे पहले भी उन्होंने अर्थव्यवस्था और जीडीपी को लेकर मोदी सरकार पर तंज कसा था। 3 सितंबर को अदालत परिसर से बाहर आते हुए जब चिदंबरम से एक पत्रकार ने सवाल किया कि आप 15 दिन से हिरासत में हैं, आप को क्या कहना है? इसके जवाब में चिदंबरम ने पांच अंगुलिया दिखाते हुए कहा, ‘पांच फीसदी।’ इस पर पत्रकार ने पूछा कि ‘पांच फीसदी क्या है? क्या जीडीपी की बात कर रहे हैं?’ इसके जवाब में पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, ‘पांच फीसदी क्या है? क्या आपको पांच फीसदी याद नहीं है।’ गिरफ्तारी के बाद यह चिदंबरम की पहली सार्वजनिक टिप्पणी थी। इसके बाद एक बार फिर उन्होंने अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
तिहाड़ जेल नहीं जाना चाहते थे चिदंबरम
चिदंबरम को सीबीआई ने राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। उनके वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि उनके मुवक्किल ईडी के सामने सरेंडर के लिए तैयार हैं। सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि उनके मुवक्किल को न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा जाना चाहिए। चिदंबरम की तरफ से उनके वकील सिब्बल ने कोर्ट से कहा, 'जहां तक सीबीआई की बात है तो मुझे (पी. चिदंबरम) न्यायिक हिरासत में क्यों भेजा जाना चाहिए? उन्होंने (सीबीआई) सभी सवाल पूछ लिए हैं। मैं ईडी की कस्टडी में जाना चाहता हूं। मुझे न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा जाना चाहिए।'
कपिल सिब्बल ने न्यायिक हिरासत का विरोध करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल पर जांच को प्रभावित करने या उसमें किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न करने का कोई आरोप नहीं है। उन्होंने कहा कि वह आईएनएक्स मीडिया से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में जाने के लिए तैयार हैं।
सुप्रीम कोर्ट से चिदंबरम पिता-पुत्र की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
इससे पहले दिन में सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम की प्रवर्तन निदेशालय की गिरफ्तारी से अग्रिम जमानत की अर्जी को खारिज कर दिया। चिदंबरम की याचिका को खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा, 'आमतौर पर आर्थिक अपराधों में अग्रिम जमानत नहीं दी जाती है। तथ्यों और परिस्थितियों पर ध्यान रखते हुए यह केस अग्रिम जमानत के लिए उपयुक्त नहीं है।'
अब तक पी. चिदंबरम 15 दिन सीबीआई हिरासत में काट चुके हैं। शीर्ष अदालत ने चिदंबरम को करारा झटका देते हुए कहा कि जांच एजेंसी को उनके खिलाफ इन्वेस्टिगेशन के लिए पूरी स्वतंत्रता दी जानी चाहिए। इस स्टेज पर अग्रिम जमानत दिए जाने से केस प्रभावित होगा। चिदंबरम को 21 अगस्त को हुई उनकी गिरफ्तारी के बाद से 5 बार में 15 दिन की सीबीआई हिरासत में रखा गया था।
एयरसेल-मैक्सिस केस में चिदंबरम और कार्ति को जमानत
हालांकि पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति को अदालत ने एयरसेल-मैक्सिस डील में बेल दे दी। एयरसेल-मैक्सिस मामले की जांच ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) कर रही है। पिता-पुत्र को राहत देते हुए जिला और सत्र न्यायाधीश ओ. पी. सैनी ने दोनों को एक-एक लाख रुपये का निजी मुचलका भरने का निर्देश दिया। 3,500 करोड़ रुपये की इस डील में बेल मिलने से चिदंबरम को मामूली राहत जरूर मिली है।