कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री से एक साथ आने और राज्यों को 15वें वित्त आयोग के विषय एवं शर्तों (टीओआर) पर आपत्ति उठाने का आग्रह किया।
साथ ही, चिदंबरम का कहना है कि सभी राज्य ‘संविधान का उल्लंघन करने और संघीय व्यवस्था को तोड़ने की केंद्र की कोशिशों’ का एकजुट होकर विरोध करें।
पूर्व वित्त मंत्री ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि 15वें वित्त आयोग के गठन के टीओआर के संदर्भ में केरल के वित्त मंत्री का खुले पत्र का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा, मैं सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वित्त मंत्रियों से आग्रह करता हूं कि वे संविधान का उल्लंघन करने और संघीय व्यवस्था को तोड़ने की केंद्र की कोशिशों का एकजुट होकर विरोध करें।
पन्द्रहवें वित्त आयोग के गठन के नियम व शर्तों के विषय में केरल के वित्त मंत्री का खुले पत्र का समर्थन करना चाहिए।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 14, 2018
मैं सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री से आग्रह करता हूं कि वे संविधान का उल्लंघन करने और संघीय व्यवस्था को तोड़ने की केंद्र की कोशिशों का एकजुट होकर विरोध करें
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 14, 2018
गौरतलब है कि केरल सहित दक्षिण के कई राज्यों ने 2011 की जनगणना के मुताबिक, केंद्रीय कोष का वितरण किए जाने के प्रावधान को लेकर मौजूदा टीओआर का विरोध किया है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने पिछले दिनों कहा था कि केंद्र को संघीय ढांचे का सम्मान करना चाहिए। यदि 2011 की जनगणना के मुताबिक केंद्रीय कोष का वितरण किया जाता है तो प्रगतिशील राज्यों को भारी नुकसान होगा।
नायडू के मुताबिक, यदि निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन 2011 की जनसंख्या के हिसाब से किया जाएगा तो दक्षिण भारत के राज्यों को सीटें गंवानी पड़ेंगी। आबादी नियंत्रण में सफलता के लिए दक्षिण भारत के राज्यों को दंडित करना सही नहीं होगा और इससे दक्षिण भारत के राज्यों का प्रभाव घटेगा।