कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के गोरखपुर दौरे से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज गोरखपुर में 'स्वच्छ यूपी, स्वस्थ यूपी' अभियान की शुरुआत की और राहुल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बैठा कोई युवराज स्वच्छता अभियान का महत्व नहीं जानेगा, गोरखपुर उनके लिए पिकनिक स्पॉट बने, इसकी इजाजत नहीं देनी चाहिए।
एएनआई के मुताबिक, पिछले दिनों गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में हुई बच्चों की मौत से मचे घमासान के बीच आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने उन बच्चों के परिजनों से मुलाकात की है जिनकी बीआरडी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते मौत हो गई थी।
Congress Vice President Rahul Gandhi meets families of children who died at #Gorakhpur's BRD Medical College pic.twitter.com/DRvRHKGaDa
— ANI UP (@ANINewsUP) August 19, 2017
बता दें कि राहुल के गोरखपुर दौरे से पहले जब बीआरडी अस्पताल में बच्चों की मौत की घटना सामने आई, तब कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली से गोरखपुर गया था, जिसमें वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, आरपीएन सिंह और राज बब्बर शामिल थे। अस्पताल में दर्जनों बच्चों की मौत से जुड़ी त्रासदी के लिए कांग्रेस नेताओं ने सीधे तौर पर योगी आदित्यनाथ सरकार को कठघरे में खड़ा किया था। कांग्रेस ने बच्चों की मौत के मामले को व्यापक स्तर पर उठाया है। घटना के बाद यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर ने बड़ी तादाद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ लखनऊ की सड़कों पर बैठकर योगी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
इस घटना पर जारी चर्चा के बीच राहुल गांधी का गोरखपुर जाना मामले को और राजनीतिक हवा देने का काम कर सकता है। वहीं, दूसरी ओर घटना पर गोरखपुर के डीएम ने जांच रिपोर्ट दी है, उसमें उन्होंने बच्चों की मौत के लिए बीआरडी कॉलेज के प्रिंसिपल और दूसरे डॉक्टर्स को जिम्मेदार ठहराया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पताल को ऑक्सीजन सिलेंडर सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स और ऑक्सीजन यूनिट के इंचार्ज डॉक्टर सतीश ने इसमें लापरवाही बरती है।
डीएम की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सतीश को लिखित रूप से अवगत भी कराया गया था, लेकिन उन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति में बाधा पैदा की। लिहाजा वह इसके लिए दोषी हैं।
गौरतलब है कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के क्षेत्र गोरखपुर के बीआरडी अस्तपाल में इंसेफेलाइटिस से पीड़ित बच्चों की कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हो गई थी। 11 अगस्त को करीब 30 बच्चों की मौत की सूचना सामने आई थी, जिसके बाद हर दिन मौत का आंकड़ा बढ़ता गया और करीब 79 बच्चों की मौत हो गई। हालांकि, राज्य सरकार लगातार ये दावा कर रही है कि ऑक्सीजन की कमी के चलते बच्चों की मौत नहीं हुई।