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हिंसक टकराव के बाद भी चीन के रुख में नरमी नहीं, गलवान घाटी पर अपना दावा जताया

सीमा विवाद को लेकर हिंसक टकराव होने के बाद भी चीन ने अपने रुख में कोई नरमी नहीं दिखाई है। पूर्वी लद्दाख...
हिंसक टकराव के बाद भी चीन के रुख में नरमी नहीं, गलवान घाटी पर अपना दावा जताया

सीमा विवाद को लेकर हिंसक टकराव होने के बाद भी चीन ने अपने रुख में कोई नरमी नहीं दिखाई है। पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में जहां दोनों देशों के जवानों के बीच हिंसक टकराव हुआ, चीन ने उस घाटी पर अपना दावा किया है।  

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि गलवान घाटी हमेशा चीन की संप्रभुता का हिस्सा रहा है। भारतीय सीमा पर तैनात जवान हमारी आपसी सहमति से बनाए गए बॉर्डर संबंधित प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, हम भारत से कहते हैं कि वे अपने सैनिकों को अनुशासित करने, उत्तेजक गतिविधियों को रोकने और चीन के साथ बातचीत से मतभेदों को सुलझाने के सही रास्ते पर वापस आएं। 

हम नहीं चाहते कोई झड़प  

विदेश मंत्रालय ने कहा कि डिप्लोमेटिक और सैन्य माध्यमों से दोनों देशों की बात हुई है। हमने साफ कर दिया है कि क्या सही है या क्या गलत। एलएसी में चीन की सीमा में यह हिंसक झड़प हुई है। इसके लिए चीन जिम्मेदार नहीं है। हम ऐसी और कोई हिंसक झड़प भविष्य में नहीं चाहते।

दोनों देशों के साझा हित विवादों से बड़े- चीन

झाओ लिजियन ने कहा, इस घटना के बाद चीन और भारत दोनों ने कहा है कि हम बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाने और बॉर्डर के इलाके में शांति स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दुनिया के दो सबसे बड़े विकासशील देशों और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के साझे हित विवाद से कहीं बड़े हैं।

भारतीय रक्षा मंत्रालय ने क्या कहा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्र उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। मेरी संवेदनाएं जान गंवाने वाले सैनिकों के परिवारों के साथ हैं। राष्ट्र इस कठिन घड़ी में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। हमें भारत के बहादुरों की बहादुरी और साहस पर गर्व है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गलवान में सैनिकों की क्षति परेशान करने वाली और दर्दनाक है। हमारे सैनिकों ने अनुकरणीय साहस और वीरता का प्रदर्शन किया और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं में अपने जीवन का बलिदान दिया। हम सैनिकों का बलिदान कभी नहीं भूलेंगे, शहीदों के परिवार के साथ पूरा देश खड़ा है।

हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद  

भारत और चीन के बीच एलएसी पर तनाव अपने चरम पर है। 15 जून की रात को दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प में दोनों ओर नुकसान पहुंचा गया है। बताया जा रहा है कि इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए, जबकि चीन के 35 सैनिकों को नुकसान पहुंचा है। इनमें से कुछ मारे गए हैं, कुछ गंभीर रूप से घायल हुए हैं। भारतीय अफसरों ने अमेरिकी इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी दी।  

 

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