चीन ने एक बार फिर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर गलवान घाटी पर अपना दावा किया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को दावा किया कि गलवान घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीन की तरफ है। इस दावे से एक दिन पहले ही भारत ने गलवान घाटी पर चीनी सेना के संप्रभुता के दावे को खारिज कर दिया था और बीजिंग से अपनी गतिविधियां एलएसी के उस तरफ तक ही सीमित रखने को कहा था।
शुक्रवार को चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से हुई एक मीडिया ब्रीफिंग में प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि कई वर्षों से चीनी सेना के जवान इस हिस्से में गश्त करते आ रहे हैं। यह दावा चीन की तरफ से ऐसे समय किया गया है जब 24 घंटे पहले ही यानी गुरुवार को भारत की तरफ से गलवान घाटी पर चीनी दावे को नकार दिया गया था।
कई वर्षों से चीनी सेना कर रही है गश्त
प्रवक्ता झाओ लिजियान ने एक-एक करके गलवान घाटी में हुई हिंसा के बारे में मीडिया को बताया। उनके बयान को शुक्रवार देर रात भारत स्थित चीनी दूतावास की तरफ से वेबसाइट पर जारी किया गया था। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने शुक्रवार को कहा, 'गलवान घाटी एलएसी पर भारत-चीन सीमा के पश्चिमी सेक्शन पर है और चीन की तरफ स्थित है। पिछले कई वर्षों से चीनी बॉर्डर ट्रूप्स यहां पर पेट्रोलिंग कर रहे हैं और ड्यूटी पर तैनात रहते हैं।'
पीएम मोदी ने शुक्रवार को बुलाई थी सर्वदलीय बैठक
बता दें कि चीन का यह बयान तब आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-चीन तनाव पर शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कहा कि न कोई हमारे क्षेत्र में घुसा और न ही किसी ने हमारी चौकी पर कब्जा किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़पों को लेकर बुलाई गई इस बैठक के अंत में कहा कि चीन ने जो किया है उससे पूरा देश आहत और आक्रोशित है। उन्होंने कहा कि भारत शांति और मित्रता चाहता है, लेकिन उसकी संप्रभुता सर्वोपरि है।
एक दिन पहले भारत ने किया था दावे का खंडन
गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव की तरफ से गलवान घाटी पर आए चीनी बयान का खंडन किया गया था। अनुराग श्रीवास्तव ने पीएलए के दावे को 'बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया अपुष्ट दावा' करार दिया था। 15 जून सोमवार को गलवान घाटी में भारत और चीनी जवानों के बीच हिंसा हुई थी। सात घंटे तक चले इस टकराव में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे और 76 घायल हो गए थे। 10 भारतीय सैनिकों को चीनी सेना ने बंदी बना लिया था। इन्हें गुरुवार को चीन ने रिहा किया है। हालांकि चीन ने इस बात को मानने से भी इनकार कर दिया था कि उन्होंने किसी भारतीय सैनिक को बंदी बनाया था। गलवान घाटी पर चीन के नए दावे को लेकर अभी तक भारत की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया या बयान नहीं आया है।