बैंकिंग घोटाले के आरोपी और भगोड़े मेहुल चोकसी को नागरिकता देने पर एंटीगुआ और बारबूडा सरकार ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को क्लीन चिट दे दी थी उसके बाद ही उसे नागरिकता दी गई है। एंटीगुआ का कहना है कि भारत सरकार से चोकसी के खिलाफ कोई सूचना नहीं थी, यहां तक कि सेबी ने भी चोकसी के नाम पर मंजूरी दी थी।
चोकसी को नागरिकता दिए जाने पर एंटीगुआ सरकार का दावा
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एंटीगुआ की निवेश इकाई नागरिकता (सीआईयू) ने स्पष्ट किया है कि भगोड़ा और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी को 'उपयुक्त और उचित उम्मीदवार' सुनिश्चित करने के बाद ही नागरिकता दी गई है।
‘चोकसी के खिलाफ ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली जो उन्हें अयोग्य ठहराती’
एक प्रेस रिलीज में सीआईयू ने कहा कि एंटीगुआ और बारबूडा निवेश द्वारा नागरिकता अधिनियम 2013 की ओर से आवश्यक पुलिस क्लीयरेंस और जरूरी दस्तावेजों के साथ मई 2017 में मेहुल चोकसी का आवेदन मिला था। सीआईयू ने बताया, 'भारत सरकार और विदेश मंत्रालय क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, मुंबई की ओर से प्रमाणित किया गया था कि चोकसी के खिलाफ कोई प्रतिकूल जानकारी नहीं है, जो उन्हें एंटीगुआ और बारबूडा के लिए वीजा समेत यात्रा सुविधाएं प्रदान करने के लिए अयोग्य ठहराती।’
चोकसी के आवेदन के बाद चेक किया गया उनका बैकग्राउंड
एंटीगुआ ऑब्जर्वर द्वारा प्रकाशित बयान में सीआईयू ने यह भी कहा है कि चोकसी के आवेदन के बाद उनके बैकग्राउंड को चेक किया गया। लेकिन, उनके खिलाफ कुछ नहीं मिला। इन सबके बाद अंतिम निर्णय लिया गया।
चोकसी को गत वर्ष नवंबर में मिली थी एंटीगुआ की नागरिकता
चोकसी को पिछले साल नवंबर में एंटीगुआ की नागरिकता मिली थी। वह इसी साल जनवरी में भारत छोड़कर चला गया था। अपने वकील के जरिए दिए गए बयान में चोकसी ने कहा था, ‘मैंने कानूनी तौर पर एंटीगुआ और बरबूडा की नागरिकता के लिए आवेदन किया था।'
कारोबार के विस्तार और 130 देशों में वीजा मुक्त आवाजाही के लिए उसने सिटिजनशिप बाय इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम के तहत आवेदन किया था। चोकसी ने कहा था कि जनवरी 2018 में इलाज के लिए अमेरिका जाने की जरूरत पड़ी थी। स्वास्थ्य लाभ की जरूरत को देखते हुए मैंने एंटीगुआ में बसने का फैसला किया।
चोकसी पर ये हैं आरोप
13 हजार करोड़ से ज्यादा के पीएनबी घोटाले में नीरव मोदी के साथ मेहुल चोकसी भी आरोपी है। उसी ने फर्जीवाड़े की पूरी योजना तैयार की और आयात-निर्यात की आड़ में रकम का हेर-फेर किया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई की विशेष अदालत में दाखिल अपनी चार्जशीट में इन आरोपों का जिक्र किया है। चार्जशीट के मुताबिक, रकम के हेर-फेर में जिन कंपनियों का इस्तेमाल किया गया, उनके डायरेक्टर और पार्टनर डमी की तरह थे। सारे फैसले चोकसी लेता था।
नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए भारत ने ब्रिटेन से की अपील
भारत सरकार ने भगोड़े व्यवसायी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन सरकार से अपील की है। ये जानकारी विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने राज्यसभा में गुरूवार को दी थी। 2002 से अब तक नीरव ऐसा 29वां भगोड़ा होगा, जिसे भारत लाने के लिए सरकार ने आवेदन किया है। ब्रिटेन सरकार भारत का आवेदन 9 बार खारिज कर चुकी है। विजय माल्या का मामला अब तक पेंडिंग है।