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रामदेव को सीएम योगी का आश्वासन, यूपी से बाहर नहीं जाएगा पतंजलि मेगा फूड पार्क

पतंजलि मेगा फूड पार्क मामले में योगगुरु बाबा रामदेव को योगी सरकार से झटका लगने के बाद उन्हें राहत...
रामदेव को सीएम योगी का आश्वासन, यूपी से बाहर नहीं जाएगा पतंजलि मेगा फूड पार्क

पतंजलि मेगा फूड पार्क मामले में योगगुरु बाबा रामदेव को योगी सरकार से झटका लगने के बाद उन्हें राहत मिलती दिख रही है। पतंजलि के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने बताया, हमें सीेएम योगी आदित्यनाथ की तरफ से भरोसा दिलाया गया है। सीएम ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण से बात की है। हम योगी जी की बात का सम्मान करते हैं। हम फूड पार्क को यूपी से बाहर नहीं ले जाएंगे।' 

इससे पहले इस मामले पर यूपी के मंत्री सतीश महाना का भी बयान आया था। महाना ने कहा, इसे लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कल बाबा रामदेव से बात की है। पहले जो जमीन दी गई थी, वह पतंजलि आयुर्वेद के नाम पर थी लेकिन बाद में वे लोग इसे पतंजलि फूड्स के नाम से चाहते थे। दूसरा मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग साइन करने की जरूरत नहीं है। कैबिनेट के सामने इस मसले को लाया जाएगा।

इससे पहले यूपी सरकार का कहना था कि उसने पतंजलि को एक महीने का और समय दिया है ताकि फाइनल अप्रूवल के लिए जरूरी शर्तें पूरी की जा सकें। 

क्या है पूरा मामला?

योगगुरु बाबा रामदेव के नेतृत्व वाले पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित पतंजलि फूड पार्क को अब कहीं और शिफ्ट करने की बात कही। पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर और पतंजलि योगपीठ के सह-संस्थापक आचार्य बालकृष्ण ने जानकारी दी कि ग्रेटर नोएडा में फूड पार्क को निरस्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का रवैया बेहद निराशाजनक है और इससे किसानों की स्थिति नहीं सुधर सकती है। उन्होंने इसकी सूचना मिलने की जानकारी देते हुए एक ट्वीट भी किया।

आचार्य बालकृष्ण ने कहा, 'प्रदेश सरकार के निराशाजनक रवैये को देखते हुए हम उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित फूड पार्क को शिफ्ट कर रहे हैं। इससे राज्य के किसानों की स्थिति में कोई सुधार नहीं होने वाला है।'

2016 में अखिलेश यादव ने किया था शिलान्यास

आपको बता दें कि 2016 में अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहते हुए नोएडा में यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में पतंजलि फूड पार्क का शिलान्यास किया गया था। उस वक्त दावा किया गया था कि यह फूड पार्क शुरू होने से लगभग 10,000 लोगों को नौकरी मिल जाएगी। इस प्रॉजेक्ट में पतंजलि ग्रुप ने 1600 करोड़ रुपये निवेश करने की बात कही थी। पतंजलि ने कहा था कि यमुना एक्सप्रेस-वे के बगल प्रस्तावित इस फूड पार्क से सालाना 25,000 करोड़ के सामान बनेंगे 

राज्य को थीं बड़ी उम्मीदें

इस यूनिट के शिलान्यास के समय पतंजलि की ओर से यह भी कहा गया था कि कंपनी बुंदेलखंड और पूर्वांचल में भी फूड प्रॉसेसिंग यूनिट लगाएगी। राज्य की योगी सरकार और बीजेपी से अच्छे रिश्ते रखने वाले रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि के बीच इस खटास का कारण तो अभी नहीं पता चल पाया है लेकिन पतंजलि के इस फैसले से राज्य को नुकसान होना तय है।

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