केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने झारखंड के कोयला घोटाला मामले में उद्योगपति और कांग्रेस नेता नवीन जिंदल के खिलाफ अतिरिक्त आरोप तय करने का आदेश दिया है।
झारखंड के अमरकोंडा मुर्गदंगल कोयले आवंटन मामले में कोर्ट ने नवीन जिंदल के खिलाफ घूसखोरी के लिए उकसाने का अतिरिक्त आरोप तय करने का आदेश जारी किया है। कोर्ट ने जिंदल पर आईपीसी की धारा 420 के तहत धोखाधड़ी और आपराधिक मानसिकता के तहत अतिरिक्त आरोप दर्ज करने के लिए कहा है। विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ 16 अगस्त को औपचारिक तौर पर आरोप तय किए जाएंगे।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अदालत ने अप्रैल 2016 में जिंदल, पूर्व कोयला राज्य मंत्री दसारी नारायण राव, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता और अन्य 11 के खिलाफ आईपीसी और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराओं के तहत आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी के लिए आरोप तय करने के आदेश दिए थे। हालांकि उस वक्त भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 12 के तहत आरोप नहीं तय किया गया था।
आज के आदेश में अदालत ने कहा कि राव के खिलाफ घूसखोरी का आरोप था लेकिन चूंकि अब वह जीवित नहीं हैं तो उनके खिलाफ आरोप तय नहीं किया जाएगा। अदालत ने जिंदल स्टील के तत्कालीन सलाहकार आनंद गोयल, निहार स्टॉक्स लिमिटेड के निदेशक बीएसएन सूर्यनारायण और मुंबई की एस्सार पावर लिमिटेड के कार्यकारी उपाध्यक्ष सुशील कुमार मारु के खिलाफ धारा 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) लगाने का भी आदेश दिया है। इन तीनों को इस मामले में तैयार एक अलग आरोपपत्र में नामजद किया गया था।
अदालत ने मुंबई के केई इंटरनेशनल के मुख्य वित्तीय अधिकारी राजीव अग्रवाल और गुड़गांव के ग्रीन इंफ्रा के उपाध्यक्ष सिद्धार्थ माद्रा को सबूतों के अभाव में मामले से आरोपमुक्त कर दिया। आरोपों पर बहस करते हुए सीबीआई के उप विधिक सलाहकार वीके शर्मा ने अदालत को बताया कि जिंदल के खिलाफ अधिनियम की धारा सात और धारा 12 के तहत मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
सीबीआई का आरोप
सीबीआई का आरोप था कि कोड़ा ने अमरकोंडा मुर्गदंगल ब्लॉक के आवंटन के लिए जिंदल समूह की कंपनियों-स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) और गगन स्पंज आयरन प्राइवेट लिमिटेड (जीएसआईपीएल) को लाभ पहुंचाया था।