सेना ने मंगलवार को कहा कि उधमपुर स्थित उसकी उत्तरी कमान जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। सेना ने डोडा जिले में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए चार जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सेना ने कहा कि वह सीमा पार से घुसपैठ करके आए उन आतंकवादियों के सफाये के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ संयुक्त और समन्वित अभियान चला रही है जो जम्मू क्षेत्र के उधमपुर, डोडा और किश्तवाड़ जिलों के ऊपरी इलाकों में और उसके बाद कश्मीर की ओर बढ़ रहे हैं।
सोमवार की रात डोडा के देसा वन क्षेत्र में धारी गोटे उरारबागी में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के एक कैप्टन समेत चार जवान गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में उनकी मौत हो गई। एक सप्ताह पहले कठुआ जिले के सुदूर माछेडी वन क्षेत्र में सेना के गश्ती दल पर हुए आतंकवादी हमले में पांच सैनिक मारे गए और कई घायल हो गए थे।
सेना ने यहां एक बयान में कहा, ‘उत्तरी कमान की सभी इकाइयां जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसके लिए निरंतर अभियान जारी रहेंगे।’ इसमें कहा गया है कि विभिन्न एजेंसियों के बीच तालमेल बढ़ाने के लिए कई उपाय किए गए हैं।
आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘इनमें जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के साथ संयुक्त प्रशिक्षण तथा सेना, पुलिस और अन्य खुफिया एजेंसियों के बीच खुफिया जानकारी साझा करने की मजबूत व्यवस्था शामिल है।’
हाल के दिनों में हुई घटनाओं के मद्देनजर सेना ने कहा कि आतंकवाद विरोधी अभियान प्रमुखता से जारी रहेंगे। सेना ने बयान में कहा, ‘सोमवार रात करीब 8:40 बजे उरारबागी क्षेत्र में जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया। शुरुआती गोलीबारी में चार सैन्यकर्मी घायल हो गए जिन्होंने बाद में दम तोड़ दिया।’
इसमें कहा गया, ‘हम अपने चार बहादुर सैनिकों की जान जाने पर गहरा दुख व्यक्त करते हैं, जिन्होंने अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है।’