मंगलवार को विदेश मंत्री सुषमा ने इराक में लापता हुए 39 भारतीयों की मौत की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ISIS के चंगुल में फंसे सभी 39 भारतीय मारे गए। इस पर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, सवाल ये है कि मोदी सरकार, विदेश मंत्रालय और विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज देश को गुमराह क्यों कर रहे थे, परिवारजनों को गुमराह क्यों कर रहे थे? जब भारत का मीडिया अपनी जान जोखिम में डाल कर जुलाई, 2017 में मोसूल इराक गया और उन्होंने रिपोर्ट किया कि हिंदुस्तान के 39 नागरिक जीवित नहीं तब भी सुषमा स्वराज जी और मोदी सरकार ने उसे सिरे से खारिज कर दिया था। जब एक चश्मदीद गवाह सामने आया और उसने भी कहा कि 39 भारतीयों की आईएसआई के उग्रवादियों द्वारा हत्या कर दी गई थी, तो उसे भी सिरे से खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा, सुषमा जी ने यह तक कहा, मोदी सरकार ने यह तक कहा कि हम इराक के प्रधानमंत्री जब भारत आएंगे तो उनसे पूछ कर इस पूरी बात की पुष्टि करेंगे, पर किया कुछ नहीं। सवाल ये है मोदी सरकार और सुषमा स्वराज जी देश और उन परिवारजनों की आँखों में धूल क्यों झोंक रही थी?
वहीं कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने कहा कि हम चाहते हैं कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मृतकों के परिवार वालों से सार्वजनिक माफी मांगें। उन्हें कहना चाहिए कि उन्हें (परिवार वालों को) धोखे में रखा गया और विदेश मंत्री को पास कोई ठोस जानकारी नहीं थी।
We want EAM Sushma Swaraj to go & meet the families of the deceased & apologise publicly. She should say that she kept them in the dark and that she had no concrete information: Ambika Soni, Senior Congress leader on 39 Indians killed in Iraq's #Mosul pic.twitter.com/7WBdydMm8m
— ANI (@ANI) March 20, 2018
कांग्रेस पर राजनीति करने के भाजपा के आरोप पर सुरजेवाला ने कहा, 'दुर्भाग्य से कोई अगर राजनीति कर रहा है, दुर्भाग्य से अगर किसी ने अपमानित किया हमारे 39 भारतीयों की याद को, तो वो श्रीमती सुषमा स्वराज और मोदी सरकार हैं। आपको 4 वर्ष से पता था, जून 2014 में हमारे भारतीय अगवा किए गए। 7 बार सुषमा जी संसद के पटल पर, विदेश मंत्रालय के लिखित जवाब में आपके सहय़ोगी मंत्री के लिखित जवाब में ये कहा गया कि वो जिंदा हैं, सुषमा स्वराज जी ने ये भी कहा कि उनको भोजन मिल रहा है, उनको हर प्रकार की जो भी इंसानी सुविधाएँ हैं, वो भी मिल रही हैं। ऐसे समय में जब पूरा विश्व, हमारे पड़ोसी देश और सभी ऐजेंसियाँ ये कह रही थीं कि उग्रवादियों द्वारा हमारे भारतीयों को मार दिया गया है। जब हिंदुस्तान के टेलिविजन के लोग अपनी जान जोखिम में उठाकर गए और कहा जुलाई 2017 में कि हमारी भारतीय जीवित नहीं हैं और आपने उसे सिरे से नकार दिया। जब एक चश्मदीद गवाह सामने आया तो उसको भी सिरे से नकार दिया। चश्मदीद गवाह को नकारिए पर क्या हिंदुस्तान का टेलिविजन जो पत्रकार जान जोखिम में उठाकर गया था, मौके पर जाकर उसने वहाँ की फोटो दिखाई थी, क्या वो झूठ बोल रहे थे? यही सबसे बड़ी निंदनीय, शर्मनाक राजनीति है।'