पीटीआई के मुताबिक, दरअसल कांग्रेस ने यह फैसला अपने विधायकों को भाजपा का दामन थामने से बचाने के लिए किया है। पार्टी ने भाजपा के शिकार से बचाने के लिए कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें बेंगलूरू भेजने का फैसला किया। पार्टी ने 51 विधायकों में से 46 विधायकों को शुक्रवार की रात 11.45 पर अहमदाबाद से कांग्रेस शासित प्रदेश कर्नाटक भेज दिया है। इन विधायकों को वहां एक रिसोर्ट में रखा गया है। हालांकि, कोई भी विधायक साफ तौर पर नहीं कबूल रहा कि कांग्रेस ने भाजपा के डर से उनको वहां भेजा है।
बता दें कि कर्नाटक कांग्रेस शासित राज्य है। इसलिए उस जगह को ठीक समझा गया। 8 अगस्त को राज्यसभा चुनाव होने हैं। ऐसा माना जा रहा है कि छह तारीख तक कांग्रेस के सभी विधायक कार्नाटक में ही रहेंगे।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने के मुताबिक, गुजरात में मौजूदा हालात को देखते हुए जहां हमारे सदस्यों को लालच देने की कोशिश की जा रही है, हम अपने विधायकों को बेंगूलरू ले जा रहे हैं। बेंगलूरू पहुंचकर कांग्रेस विधायक शैलेश परमार बोले कि अपनी कमियों को छिपाने के लिए भाजपा पैसे का लालच देकर और डरा-धमकाकर विधायकों को अपनी तरफ शामिल कर रही है।
गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मांग की थी कि धन और ताकत का इस्तेमाल करके कांग्रेस के विधायकों का ‘शिकार’ करने के लिए चुनाव आयोग भाजपा के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज करे। इस आरोप को भाजपा ने खारिज किया है। गुजरात में विपक्षी पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए तीन और विधायकों ने आज इस्तीफा दे दिया। इसी के साथ राज्यसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़ने वाले विधायकों की संख्या छह हो गई। कांग्रेस ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल को गुजरात से संसद के उच्च सदन के लिए फिर उतारा है।
राज्य की 182 सदस्य विधानसभा में कांग्रेस की संख्या 57 से घटकर 51 रह गई है। इसका असर आगामी राज्यसभा चुनाव में पटेल की किस्मत पर पड़ सकता है।