कांग्रेस और विपक्षी दल इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर मोदी सरकार को घेरने में लगी है। उनकी मांग है कि पीएम मोदी इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़े। इसे लेकर कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन भी किया। कांग्रेसी नेताओं ने संसद भवन में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने 'बोलो प्रधानमंत्री' और इलेक्टोरल बॉन्ड दिनदहाड़े डाका है, इसे बंद करो के नारे लगाए। वहीं, राज्यसभा में भी इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की गई। यहां तक कि कांग्रेस ने भाजपा पर टेरर फंडिंग की आरोपी कंपनी से चंदा लेने का भी आरोप लगाया है।
संदन भवन में कांग्रेस नेता शशि थरूर, कार्ति चिदंबरम और मनीष तिवारी गांधी प्रतिमा के पास धरना स्थल पर मौजूद थे। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि यह बहुत गंभीरता की बात है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि वे मई 2018 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले चुनावी बांड की शुरुआत के पीछे का कारण बताएं।
चर्चा के किया इऩकार
विपक्षी दलों ने शुक्रवार को कांग्रेस की अगुवाई में राज्यसभा में इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे चर्चा कराने की मांग की लेकिन अध्यक्ष एम वेकैंया नायडू ने इसे मंजूरी नहीं दी। हालाकि नायडू ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे की जांच की है। इसे अन्य नियम के तहत इस पर बहस की मांग कर सकती हैं।
कांग्रेस और अन्य दलों ने नियम 267 के तहत कई नोटिस दिए, जिसमें समाचार रिपोर्टों केबाद इस मुद्दे को उठाने के लिए अलग करने की मांग की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त मंत्रालय ने ब़ॉन्ड्स पर आरबीआई की आपत्तियों को खारिज कर दिया था।
गंभीरता के चलते उठाया मुद्दाः कांग्रेस
आनंद शर्मा (कांग्रेस) ने कहा कि सदस्य आमतौर पर विषय की गंभीरता के बिना नियम 267 के तहत मुद्दे को नहीं उठाते। उन्होंने कहा कि सदन की अन्य कार्यवाही निलंबित कर सरकार से इस पक्ष रखने के लिए कहा जाए।
नायडू ने उन्हें यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उन्हें हर दूसरे दिन औसतन 4-5 नियम 267 केतहत नोटिस मिलते हैं। अन्य़ मुद्दे को वह मंजूरी नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि मैं तत्काल इस विषय को लेने पर सहमत नहीं हूं लेकिन इसकी जरूरत को जरूर मानता हूं। इसे मुद्दे को अलग से लिया जा सकता है। विपक्षी सदस्य सभापति के आश्वासन से संतुष्ट नहीं थे और इस मुद्दे को उठाते रहे। सीपीआई (एम) के टी के रंगराजन ने इलेक्टोरल बॉन्ड को "बड़ा घोटाला" करार दिया।
शून्यकाल का दिया गया है नोटिस
नायडू ने सदन की कार्यवाही स्थगित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि जैसा कि कहा गया था कि कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने इस मुद्दे पर शून्यकाल का नोटिस दिया है और वह इसकी मंजूरी दे रहे हैं। इस पर दिग्विजय सिंह संतुष्ट नहीं हुए और बहस करने लगे। नायडू ने आदेश दिया कि उनके बयान रिकॉर्ड पर नहीं जाएंगे।
टेरर फंडिंग की आरोपी कंपनी से चंदा लेने का आरोप
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे पर गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। उन्होंने पूछा कि भाजपा ने एक ऐसे व्यक्ति से चंदा क्यों लिया, जिस पर इकबाल मिर्ची की संपत्ति खरीदने का आरोप है। उन्होंने कहा, "भाजपा की चंदा लेने की कहानी नैतिक रूप से सवालों के घेरे में है-इलेक्टोरल बॉन्ड घोटाले से आतंकी फंडिंग के आरोपी से चंदा! भाजपा ने उस कंपनी से चंदा क्यों लिया, जिस पर दाऊद इब्राहिम के सहयोगी इकबाल मिर्ची की संपत्ति खरीदने का आरोपी है? क्या यह 'राजद्रोह' नहीं है अमित शाह?"
सदन शुरु होते ही गरमाया मुद्दा
संसद में शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ही कांग्रेस इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा उठाते हुए इसे एक 'बड़ा घोटाला' बता रही है। गुरुवार को भी कांग्रेस और अन्य दलों के नेताओं ने इस मुद्दे पर लोकसभा में हंगामा किया तथा सदन से बहिर्गमन किया।