आंबेडकर जयंती के मौके पर 14 अप्रैल को केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को सशक्त बनाने के लिए पटना के फाइव स्टार होटल मौर्य में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद थे, मगर इस पूरे कार्यक्रम को लेकर विवाद तब हो गया जब रविशंकर प्रसाद ने फाइव स्टार होटल में दलितों के साथ दिन का भोजन किया।
दरअसल, अंबेडकर जयंती के मौके 14 अप्रैल से 5 मई के बीच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सभी केंद्रीय मंत्रियों को निर्देश दिया है कि वह दलित बस्तियों में जाएं, उनकी समस्याएं सुने और उन्हीं के साथ दिन का भोजन करें। इस दौरान रविशंकर प्रसाद ने चीना कोठी में आंबेडकर की तस्वीर पर माल्यार्पण किया और एक लकड़ी के पुल की नींव रखी जिसके बाद वह मौर्य होटल के लिए रवाना हो गए।
तय कार्यक्रम के मुताबिक, रविशंकर प्रसाद को दलित बस्ती में लोगों के साथ भोजन करने का कार्यक्रम भी था मगर मौर्य होटल में अपने मंत्रालय से एक कार्यक्रम का हवाला देकर वह वहां से निकल गए। रविशंकर प्रसाद के निकल जाने के बाद नंदकिशोर यादव और भाजपा विधायक संजीव चौरसिया और नितिन नवीन ने विद्यापति भवन में दलितों के साथ भोजन किया।
तेजस्वी यादव ने साधा निशाना
विवाद उस वक्त बढ़ गया जब मौर्या होटल के कार्यक्रम के समाप्त हो जाने के बाद रविशंकर प्रसाद ने कार्यक्रम में मौजूद दलित महिलाओं के साथ इस पांच सितारा होटल में दिन का भोजन किया जिसकी तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गईं।
आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने पांच सितारा होटल में दलितों के साथ खाना खाने पर सवाल उठाया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, पटना के ‘चीना कोठी दलित टोला’ में गरीब दलितों के यहां खाना ठुकराने के बाद पांच सितारा होटल पहुंच छोले-भटूरे खाकर अंबेडकर जयंती पर दलित सशक्तिकरण करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद।
मंत्री का पलटवार
तेजस्वी यादव के तंज पर सवाल करते हुए रविशंकर प्रसाद ने पलटवार किया। उन्होंने ट्वीट किया, पूरे बिहार से आयी डिजिटल साक्षर SC/ST बहनों और बेटियों को अंबेडकर जयंती के दिन पटना में सम्मानित किया और उनके साथ भोजन किया। क्या ऐसी गरीब SC/ST बहनों को मेरे साथ बड़े होटल में भोजन करने का अधिकार नहीं है? ये मेरा सौभाग्य है कि मैंने उनका सत्कार किया और उनके साथ भोजन किया।